पाकिस्तान का नाम याद आते ही आपके दिमाग में क्या आता है? कई जवाबों में से एक जवाब है हमारा पड़ोसी देश, जिससे हमारे चार युद्ध हो चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए ज्यादातर लोगों के मन में नकरात्मक छवि है। ऐसा होना लाजिमी भी है क्योंकि सीजफायर का उल्लघंन और समय-समय पर भारत के लिए आपत्तिजनक बयान देना पाकिस्तान की आदतों में शुमार हो चुका है।
बहरहाल, इन बातों से अलग पाकिस्तान से फिलहाल अच्छी खबर आ रही है। सुमन बोदानी पाकिस्तान की ऐसी पहली हिन्दू महिला हैं, जो सिविल जज बनी हैं। ये बात और भी खास इसलिए हो जाती है क्योंकि पाकिस्तान में हिन्दू और सिख समुदाय के लोग अल्पसंख्यक है। सुमन बोदानी का इस पद पर आना, पाकिस्तान का एक तरफ खुली सोच की ओर कदम है।
आइए, जानते हैं कौन हैं सुमन बोदानी
हैदराबाद से किया है एलएलबी
सुमन बोदानी ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अपने ही शहर में हासिल की। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद से एलएलबी और कराची की जेबिस्ट यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया।वह कराची में मशहूर वकील रिटायर्ड जस्टिस रशीद रिजवी के लॉ फर्म के साथ जुड़ी रहीं और उनके साथ दो साल प्रैक्टिस की। सुमन बोदानी का कानून के क्षेत्र में आना उनके पिता की इच्छा थी। हैदराबाद में सिंध यूनिवर्सिटी से जुड़े एक कॉलेज में पांच वर्षीय क़ानूनी डिग्री की पढ़ाई की शुरुआत हो रही थी और यह उसका पहला बैच था। उनकी इच्छा हुई कि ये क्षेत्र बहुत अच्छा है और दिली इच्छा थी कि बच्चे गरीबों को इंसाफ दिलाने में मददगार साबित हो सकें इसलिए सुमन बोदानी को इस क्षेत्र में भेज दिया।
सुमन बोदानी का कहना है कि वह ग्रामीण इलाके से संबंध रखती हैं, वहां उन्होंने काफ़ी लोगों को क़ानूनी समस्याओं का शिकार देखा और वह अदालती ख़र्च उठा नहीं सकते थे।
“मैंने सोचा था कि मैं वकालत में जाऊंगी और उन्हें इंसाफ दिलाऊंगी।”
आंखों के डॉक्टर है सुमने के पिता
सुमन के पिता डॉक्टर पवन बोदानी शहदादकोट में आंखों के ईलाज का क्लीनिक चलाते हैं। उनका कहना है कि 1991 में उन्होंने कमीशन पास किया लेकिन सरकारी नौकरी में तनख्वाह कम होने के कारण उन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस को तरजीह दी और वह 1992 से शहदादकोट में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं।
Suman Pawan Bodani becomes Pakistan’s 1st female judge belonging to the Hindu community. Via Pakistan Hindu Youth Council. Daughter of Dr. Pawan Podani, Suman belongs to Shahdadkot. She stood 54th in merit list for the appointment of Civil Judge/Judicial Magistrate. pic.twitter.com/ofqgwSA6Kt
— Danyal Gilani (@DanyalGilani) January 27, 2019
54वें नम्बर पर रहीं सुमन
जुडिशियल सेवा की परीक्षा में 54वें पायदान पर आने के बाद उन्हें सिविल जज और जुडिशियल मजिस्ट्रेट का पद दिया गया। शहदादकोट सिंध और बलूचिस्तान की सीमा पर बसा हुआ एक पिछड़ा शहर है। 2010 में आई बाढ़ के दौरान जो शहर प्रभावित हुए थे, उनमें शहदादकोट भी शामिल था। कहा जाता है कि इन क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के बीच जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें आती रहती हैं। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय से पहले जज राना भगवानदास थे…Next
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