Menu
blogid : 26149 postid : 919

पाकिस्तान की पहली हिन्दू महिला सिविल जज बनी सुमन बोदानी, जानें उनके बारे में खास बातें

पाकिस्तान का नाम याद आते ही आपके दिमाग में क्या आता है? कई जवाबों में से एक जवाब है हमारा पड़ोसी देश, जिससे हमारे चार युद्ध हो चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए ज्यादातर लोगों के मन में नकरात्मक छवि है। ऐसा होना लाजिमी भी है क्योंकि सीजफायर का उल्लघंन और समय-समय पर भारत के लिए आपत्तिजनक बयान देना पाकिस्तान की आदतों में शुमार हो चुका है।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal31 Jan, 2019

 

अपने पिता के साथ सुमन बोदानी

 

बहरहाल, इन बातों से अलग पाकिस्तान से फिलहाल अच्छी खबर आ रही है। सुमन बोदानी पाकिस्तान की ऐसी पहली हिन्दू महिला हैं, जो सिविल जज बनी हैं। ये बात और भी खास इसलिए हो जाती है क्योंकि पाकिस्तान में हिन्दू और सिख समुदाय के लोग अल्पसंख्यक है। सुमन बोदानी का इस पद पर आना, पाकिस्तान का एक तरफ खुली सोच की ओर कदम है।

आइए, जानते हैं कौन हैं सुमन बोदानी

हैदराबाद से किया है एलएलबी
सुमन बोदानी ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अपने ही शहर में हासिल की। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद से एलएलबी और कराची की जेबिस्ट यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया।वह कराची में मशहूर वकील रिटायर्ड जस्टिस रशीद रिजवी के लॉ फर्म के साथ जुड़ी रहीं और उनके साथ दो साल प्रैक्टिस की। सुमन बोदानी का कानून के क्षेत्र में आना उनके पिता की इच्छा थी। हैदराबाद में सिंध यूनिवर्सिटी से जुड़े एक कॉलेज में पांच वर्षीय क़ानूनी डिग्री की पढ़ाई की शुरुआत हो रही थी और यह उसका पहला बैच था। उनकी इच्छा हुई कि ये क्षेत्र बहुत अच्छा है और दिली इच्छा थी कि बच्चे गरीबों को इंसाफ दिलाने में मददगार साबित हो सकें इसलिए सुमन बोदानी को इस क्षेत्र में भेज दिया।
सुमन बोदानी का कहना है कि वह ग्रामीण इलाके से संबंध रखती हैं, वहां उन्होंने काफ़ी लोगों को क़ानूनी समस्याओं का शिकार देखा और वह अदालती ख़र्च उठा नहीं सकते थे।
“मैंने सोचा था कि मैं वकालत में जाऊंगी और उन्हें इंसाफ दिलाऊंगी।”

 

 

 

आंखों के डॉक्टर है सुमने के पिता
सुमन के पिता डॉक्टर पवन बोदानी शहदादकोट में आंखों के ईलाज का क्लीनिक चलाते हैं। उनका कहना है कि 1991 में उन्होंने कमीशन पास किया लेकिन सरकारी नौकरी में तनख्वाह कम होने के कारण उन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस को तरजीह दी और वह 1992 से शहदादकोट में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं।

 

54वें नम्बर पर रहीं सुमन
जुडिशियल सेवा की परीक्षा में 54वें पायदान पर आने के बाद उन्हें सिविल जज और जुडिशियल मजिस्ट्रेट का पद दिया गया। शहदादकोट सिंध और बलूचिस्तान की सीमा पर बसा हुआ एक पिछड़ा शहर है। 2010 में आई बाढ़ के दौरान जो शहर प्रभावित हुए थे, उनमें शहदादकोट भी शामिल था। कहा जाता है कि इन क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के बीच जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें आती रहती हैं। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय से पहले जज राना भगवानदास थे…Next

 

Read More :

किसी होटल जैसा दिखेगा ये स्मार्ट पुलिस स्टेशन, ये होगी खास बातें

गिनीज बुक में दर्ज होने के लिए शेफ ने पकाई 3,000 किलो खिचड़ी, इससे पहले इस शेफ के नाम है रिकॉर्ड

नोबेल पुरस्कार की कैसे हुई शुरुआत, कितने भारतीयों को अभी तक मिल चुका है नोबेल

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh