विश्वयुद्ध और गृहयुद्ध के दौरान भी 24 घंटे खुला रहने वाला कैफे 250 साल के इतिहास में पहली बार बंद कर दिया गया। विश्व के सबसे कठिन दौर में भी खुले रहे कैफे के मालिक कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इसे सरकारी आदेश के बाद बंद कर रहे हैं। यह कैफे कस्टमर्स की सेवा के लिए अब सामान्य स्थिति होने पर ही खुलेगा।
प्रचीन अल नोफारा कैफे
हम बात कर रहे हैं सीरिया के दमिश्क शहर के ऐतिहासिक अल नोफारा कैफे की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार शहर की खूबसूरती कहे जाने वाले सबसे चर्चित अल नोफारा कैफे अपने 250 साल के इतिहास में पहली बार बंद किया गया है। कैफे पर अन्य रेस्टोरेंट के जैसे ही खानपान की चीजें मिलती हैं। इसके प्राचीन इतिहास के कारण पर्यटक यहां बड़ी तादाद में जुटते हैं।
कस्टमर्स के लिए दरवाजे बंद
कोरोना महामारी के चलते कैफे के मालिकों को सरकारी आदेश के बाद इसके दरवाजे पर्यटकों और आम नागरिकों और अपने कस्टमर्स के लिए बंद करने पड़े हैं। स्थिति सामान्य होने पर ही अब यह खोला जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इस कैफे पर लोग सुबह और शाम की चाय के साथ यहां लोगों द्वारा सुनाई जाने वाली कहानियों के लिए बड़ी तादाद में आते हैं।
250 साल से कभी बंद नहीं हुआ
कैफे के मालिक मोहम्मद अल रब्बत के अनुसार यह कैफे 250 साल पुराना है। उन्हें यह विरासत में हासिल हुआ है और यह पहली बार है जब कैफे के दरवाजे बंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैफे पीढ़ियों से चला आ रहा बिजनेस है। वह कहते हैं कि यह कैफे प्राचीन समय की यादें समेटे हुए है।
गृहयुद्ध में भी खुला रहा
रिपोर्ट के अनुसार अल नोफारा कैफे सीरिया के गृहयुद्ध के दौरान भी खुला रहा। जब इलाके में मारकाट मची हुई थी और रोजाना यहां बम के धमाके होते थे। तब भी यह कैफे खुला रहा और लोगों को सर्विस देता रहा। अब कोरोना महामारी के कारण कैफे हालात सामान्य होने तक अपने कस्टमर्स को सर्विस नहीं दे पाएगा।…NEXT
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