अगर आपने 80-90 के दशक में स्कूलिंग की है, तो आपको टीचर की डांट के अलावा डंडे से पिटाई, हाथ ऊपर करके खड़ा करना, बेंच पर खड़ा करने जैसी सजाएं भी याद होगी। उन दिनों बच्चों को सजा के तौर पर पीटना आम बात ही समझी जाती थी लेकिन बदलते वक्त के साथ बच्चों को पीटने वाली सजाओं के प्रति गंभीर रवैया अपनाते हुए टीचर्स को सख्त हिदायत दी जाती है। इसके बावजूद आए दिन ऐसे मामले सुनने-देखने को मिलते हैं, जब बच्चों को बुरी तरह मारा-पीटा या यातना दी जाती है। बहरहाल, बच्चों को पीटना किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है।
लेकिन अगर किसी बच्चे के स्कूल का काम न करने या नम्बर कम आने पर टीचर को स्कूल से निकाल दिया जाए, तो आपको ये बात अजीब लग सकती है लेकिन एक ऐसी ही घटना हुई है फ्लोरिडा में, जहां एक महिला टीचर को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने बच्चे को जीरो नम्बर दे दिए थे।
असांइनमेंट न बनाने पर भी स्कूल प्रबंधक ने दिया 50% नम्बर देने का दवाब
कहा जा रहा है कि इस बच्चे ने असांइनमेंट नहीं बनाए थे, जिस वजह से टीचर ने उसे जीरो नम्बर दे दिए थे। इस पर स्कूल प्रबंधक ने उन्हें बच्चे को कम से कम 50% नम्बर देने को कहा, लेकिन टीचर ने साफ मना कर दिया, जिस वजह से नई नौकरी पर लगी टीचर डायने टीराडो को स्कूल से टर्मिनेट कर दिया गया।
स्कूल की ‘नो जीरो नम्बर पॉलिसी’
इस स्कूल में नो जीरो नम्बर पॉलिसी लागू है, जिसके तहत किसी भी कारण के लिए किसी भी बच्चे को जीरो नम्बर नहीं दिए जा सकते हैं। इस नियम के तहत हर बच्चे को कम से कम 50% नम्बर देने अनिवार्य है।
टीचर से फेसबुक पर शेयर करके दी घटना की जानकारी
इस टीचर ने टर्मिनेट होने के बाद क्लास के वाइट बोर्ड पर बच्चों के नाम संदेश लिखते हुए कहा “मिसेज टीराडो आप सभी से बेहद प्यार करती हैं। मैं आपके अच्छे जीवन के लिए कामना करती हूं। मुझे स्कूल से निकाल दिया गया है क्योंकि मैंने आपको काम न करने के बदले 50 नम्बर देने से मना कर दिया था” टीराडो का ये वाइट बोर्ड नोट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है….Next
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