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नोबेल पुरस्कार की कैसे हुई शुरुआत, कितने भारतीयों को अभी तक मिल चुका है नोबेल

2018 में 1 से 8 अक्टूबर के बीच इस साल के नोबेल विजेताओं का ऐलान हुआ। समाज में सराहनीय योगदान के लिए इस बार कई लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला है, जिसमें कई क्षेत्र से जुड़े हुए लोग शामिल हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि नोबेल पुरस्कार की शुरुआत कैसे हुई थी? आइए, हम आपको बताते हैं।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal12 Oct, 2018

 

 

कैसे शुरू हुई नोबेल पुरस्कार देने की शुरुआत
नोबेल यानी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक। यह पुरस्कार स्वीडन के अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है, जो वैज्ञानिक, कारोबारी और हथियार निर्माता थे। 1896 में मरने से पहले उन्होंने अपने वसीयत में लिखा कि उनका सारा पैसा नोबेल फाउंडेशन के नाम कर दिया जाए और इन पैसों से नोबेल प्राइज़ दिया जाए। नोबेल के नाम पर करीब साढ़े तीन सौ पेटेंट थे, तो पैसा भी बहुत था। फिर 1901 से नोबेल प्राइज़ दिए जाने शुरू हुए। यह अवॉर्ड मेडिकल साइंस, फिजिक्स, केमेस्ट्री, पीस, लिटरेचर और इकॉनमिक्स के क्षेत्र में सबसे उम्दा काम करने वालों को दिया जाता है।

 

रवींद्रनाथ टैगोर
टैगोर को साहित्य के लिए 1913 में पुरस्कृत किया गया। वह यह सम्मान पाने वाले पहले एशियाई भी रहे।

 

चंद्रशेखर वेंकटरमन
सर चंद्रशेखर वेंकटरमन ने भौतिकी के क्षेत्र में यह सम्मान 1930 में हासिल किया। जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है, तब उसकी वेवलेंथ (तरंग की लम्बाई) में बदलाव आता है। इसी को रमन इफ़ेक्ट के नाम से जाना गया।

 

हरगोबिंद खुराना
हरगोबिंद खुराना (भारतीय मूल के अमेरीकी नागरिक) को चिकित्सा के लिए नोबेल मिला। खुराना ने मार्शल व। निरेनबर्ग और रोबेर्ट होल्ले के साथ मिलकर चिकित्सा के क्षेत्र में काम किया। उन्हें कोलम्बिया विश्वविद्यालय की ओर से 1968 में ही होर्विट्ज पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।

 

मदर टेरेसा
अल्बानिया मूल की भारतीय मदर टेरेसा को 1979 में शांति नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने 1950 में मिशनरी ऑफ कोलकाता की स्थापना की थी।

 

स. चंद्रशेखर
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर को 1983 में भौतिकी के लिए समानित किया गया। वह भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक थे। उन्होंने तारों के क्षेत्र में खोज की।

 

अमर्त्य सेन
वर्ष 1998 में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिये नोबेल पुरस्कार मिला।

 

कैलाश सत्यार्थी
बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल 2014 में दिया गया। यह पुरस्कारर उन्हें और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को संयुक्त रूप से दिया गया था…Next

 

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