कभी-कभी जॉब से मन बहुत ऊब जाता है। जो काम हमें बहुत पसंद है उससे भी बोरियत होने लगती है। घर से ऑफिस और ऑफिस से घर। ऐसा लगता है जिंदगी बस इन्हीं घंटों में कहीं खो गई है। ऐसे में सोशल मीडिया पर बचा हुआ वक्त बिताते हुए किसी खबर पर नजर ठहर-सी जाती है, कभी एक मामूली-सा परचून की दुकान चलाने वाला लड़का दुनिया का सबसे बड़ा कारोबार खड़ा कर देता है तो कभी चाय बेचने वाला व्यक्ति 5 किताबें लिख डालता है। ऐसे में हमारे मन में भी कहीं ना कहीं निराशा आती है साथ ही कुछ बड़ा करने का ख्याल भी आता है। इस निराशा और छोटे से ख्याल के बाद के सफर के बाद ही इतिहास बनता है। कुछ ऐसी ही कहानी है ‘पिज्जा हट’ की शुरूआत करने वाले दो भाईयों की। जिनका मन नौकरी करने में नहीं लगता था। उनका एक ही सपना था अपनी मर्जी का मालिक बनना। आप भी जान लीजिए जिस पिज्जा को आप बड़े मजे से खाते हैं, उसकी शुरूआत की कहानी भी कम मजेदार नहीं है।
दो भाई थे जो हमेशा से मालिक बनना चाहते थे
डैन और फ्रैंक कार्नी नाम के दो भाई। जिनका मन कभी भी नौकरी में नहीं लगता था, वो ऐसे काम की तलाश में थे जहां सिर्फ उनकी मर्जी चल सके। अब ऐसे में जाहिर है किसी भी ऐसी नौकरी का मिलना मुश्किल था। दोनों ने आपस में सलाह-मशविरा किया और जब बात नहीं बनी, तो उन्होंने अपने दोस्त जॉन बेंडर से सलाह की, बेंडर ने उन्हें पिज्जा पार्लर खोने की सलाह दी।
600 डॉलर की उधारी में खोल लिया पिज्जा हट
पिज्जा पार्लर खोने के लिए दोनों ने अपनी मां से 600 डॉलर (40,000) उधार लिए। 1958 में विशिटा, कंसास में पिज्जा हट की स्थापना की गई थी। इनके साथ इनका दोस्त बेंडर भी था। तीनों ने 503 साउथ ब्लफ में एक छोटा घर किराए पर लिया और पिज्जा बनाने के लिए सेकेंड हैंड मॉड्यूलर खरीदकर पहला ‘पिज्जा हट’ रेस्टोरेंट खोला। जिस रात रेस्टोरेंट खुला उन्होंने फ्री में पिज्जा बांटा।
इस वजह से चुना ‘पिज्जा हट’ नाम
उन्होंने ‘पिज्जा हट’ नाम इसलिए चुना क्योंकि जो साइन उन्होंने खरीदा था, उसमें केवल नौ अक्षरों तथा स्पेस के लिए जगह थी। 1959 में टोपेका, कंसास में पहले फ्रेंचाइज यूनिट खुलने के साथ कई दूसरे रेस्टोरेंट भी खोले गए।
प्रोमोशन की भागदौड़
जल्द ही डैन और फ्रैंक कार्नी ने फैसला किया कि उन्हें दुनिया भर में अपना नाम कमाना है। कार्नी भाइयों ने एक आर्किटेक्ट रिचर्ड डी बर्क से संपर्क किया जिन्होंने दो तरफ से ढलान वाली खास प्रकार की छत का आकार तैयार किया। इस तरह पिज्जा हट का लेबल तैयार हो गया। 1964 तक फ्रेंचाइजी के तहत कम्पनी के ऑनरशिप वाले स्टोरों के लिए एक खास प्रकार के मानक भवन की बनावट और ले आउट स्थापित हो चुके थे इससे इसे दुनियाभर में पहचान मिली। अब ग्राहक बिल्डिंग की बनावट देखकर पहचानने लगे कि ये पिज्जा हट है।
पेप्सिको ने 1978 में खरीदा
1972 तक देश भर में फैले अपने 14 स्टोरों के साथ पिज्जा हट न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक टिकर चिह्न के रूप में रजिस्टर्ड हो गया। 1978 में पेप्सिको द्वारा पिज्जा हट को खरीद लिया। बाद में पेप्सिको ने केएफसी तथा टैको बेल को भी खरीद लिया। 1997 में तीनों रेस्टोरेंट चेन ट्राइकॉन के रूप में आए और 2001 में लॉन्ग जॉन सिल्वर्स तथा A&W रेस्टोरेंट्स के साथ संयुक्त होकर यम! ब्रांड्स में बदल गए।
2 भाईयों से शुरू होकर आज 30,000 कर्मचारी करते हैं काम
कभी 6000 डॉलर से शुरूआत करने वाले दो भाईयों ने एक ऐसी कंपनी खड़ी कर दी जो पूरी दुनिया में जानी जाती है। यहां 30,000 कर्मचारी काम करते हैं।
तो देखा आपने, ‘कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों’। तो, अगली बार जब भी ऑफिस में काम करते-करते निराशा हावी होने लगे या मूड खराब हो इन दो भाईयों की कहानी को जरूर याद करना।…Next
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