अमेरिकी अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका बुरी तरह लोगों के गुस्से का शिकार हो रहा है। अमेरिका के लगभग सभी शहरों में पिछले करीब 10 दिनों से नस्लभेद के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं। अब यह आंदोलन इंग्लैंड से होते हुए ब्राजील पहुंच गया है। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर कर सरकार और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अपना गुस्सा दिखा रहे हैं।
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत से शुरु हुआ आंदोलन
पिछले दिनों अमेरिका में अश्वेत नागरिक जार्ज फ्लॉयड को पुलिसकर्मियों ने हिरासत में लेने के बाद पूछताछ के नाम पर टॉर्चर किया था। सड़क पर ही एक पुलिसकर्मी ने उनकी गर्दन पर घुटना रखकर बर्बरता की। सांस न मिलने की वजह से जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई। इस घटना के बाद से गुस्साए अश्वेत लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया और आगजनी भी हुई।
इंग्लैंड में भी हिंसक प्रदर्शन
जॉर्ज के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलने लगा। आम लोगों के साथ दिग्गज हस्तियां भी सड़क पर उतर आईं। अमेरिका में प्रदर्शन अभ भी चल रहा है। वहीं अश्वेत लोगों और गरीब लोगों के साथ भेदभाव के खिलाफ इंग्लैंड में लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। यहां गुस्साए लोगों ने कई स्टैच्यू तोड़ दिए।
चर्चित स्टैच्यू धराशाही किया
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड के ब्रिस्टल में लगे एडवर्ड कोल्सटन के ऐतिहासिक स्टैच्यू को धराशाही कर दिया। एडवर्ड कोल्सटन 17वी शताब्दी में गुलाम लोगों की खरीद फरोख्त के लिए मशहूर थे। गुस्साए लोगों ने जातिवाद और गरीबों पर कथित अत्याचार करने वाले व्यापारी की आदमकद मूर्ति को रस्सियों से बांधकर नीचे गिरा दिया।
ब्राजील में सरकार के खिलाफ नारेबाजी, आगजनी
ब्राजील में राष्ट्रपति जैर बोसोनारो से नाराज लोगों ने सैकड़ों की संख्या में काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। सड़कों पर उतरे लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जातिवाद और फासीवाद के आरोप लगाए। इस दौरान लोगों ने आगजनी भी की। बता दें कि ब्राजील में कोरोना को रोकने में सरकार के लचर रवैये से लोग नाराज हैं। कोरोना के मामले में ब्राजील दूसरा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है।…NEXT
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