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Merry Christmas : कौन था असली सीक्रेट सेंटा, जुराब में गिफ्ट छुपाने के पीछे भी है ये कहानी

इस साल आप किसके सीक्रेट सेंटा बने? जिसे चुपके से गिफ्ट देकर आपने खुश किया हो। सीक्रेट सेंटा की कहानियां हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं। ऐसे में सीक्रेट सेंटा की कई कहानियां हमारे बीच कई सालों से चल रही हैं। हम में से बहुत से लोग हैं जो सीक्रेट सेंटा से जुड़ी असली कहानी को नहीं जानते। आइए, हम आपको बताते हैं क्रिसमस से जुड़ी दिलचस्प बातें

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal25 Dec, 2018

 

 

25 दिसम्बर को ही इसलिए मनाते हैं क्रिसमस
क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा। बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है। इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ। लेकिन 336 ई। पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया। इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान किया।

 

 

 

कौन था सीक्रेट सेंटा, जुराब में क्यों छुपाते हैं गिफ्ट
चलित कहानियों के अनुसार चौथी शताब्दी में एशिया माइनर की एक जगह मायरा (अब तुर्की) में सेंट निकोलस नाम का एक शख्स रहता था। जो बहुत अमीर था, लेकिन उनके माता-पिता का देहांत हो चुका था। वो हमेशा गरीबों की चुपके से मदद करता था। उन्हें सीक्रेट गिफ्ट देकर खुश करने की कोशिश करता रहता था।एक दिन निकोलस को पता चला कि एक गरीब आदमी की तीन बेटियां है, जिनकी शादियों के लिए उसके पास बिल्कुल भी पैसा नही है। ये बात जान निकोलस इस शख्स की मदद करने पहुंचे। एक रात वो इस आदमी की घर की छत में लगी चिमनी के पास पहुंचे और वहां से सोने से भरा बैग डाल दिया। उस दौरान इस गरीब शख्स ने अपना मोज़ा सुखाने के लिए चिमनी में लगा रखा था। पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोजे में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सैंटा बनने का रिवाज है।

 

 

इस मोजे में अचानक सोने से भरा बैग उसके घर में गिरा। ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ। आखिरी बार में इस आदमी ने निकोलस ने देख लिया। निकोलस ने यह बात किसी को ना बताने के लिए कहा। लेकिन जल्द ही इस बात का शोर बाहर हुआ। उस दिन से जब भी किसी को कोई सीक्रेट गिफ्ट मिलता सभी को लगता कि यह निकोलस ने दिया। धीरे-धीरे निकोलस की ये कहानी पॉपुलर हुई। क्योंकि क्रिसमस के दिन बच्चों को तोहफे देने का प्रथा रही है। इसीलिए सबसे पहले यूके खासकर इंग्लैंड में निकोलस की कहानी को आधार बनाया और उन्हें फादर क्रिसमस और ओल्ड मैन क्रिसमस नाम दिया गया। इसके बाद पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोज़े में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सेंटा बनने का रिवाज आगे बढ़ता चला गया…Next

 

 

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