निकोला टेस्ला 19 वीं शताब्दी के महान आविष्कारकों में से एक थे। 1856 में पैदा हुए टेस्ला एक आविष्कारक, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और फिजिकल इंजीनियर थे। उन्होंने वाई-फाई समेत कई आविष्कार किए। उन्होंंने वायरलैस कम्यूफनिकेशन रिमोट कंट्रोल, निओन लाइट, एक्स-रे, रडार का आइडिया, एल्टउरनेटिव करंट, नियाग्रा फॉल पर पहला हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट बनाए। 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था लेकिन उनकी भविष्यवाणियों ने उन्हें आज भी जिन्दा रखा है। टेस्ला की ये भविष्यवाणियां सच हुईं।
वायरलेस टेक्नोलॉजी से भेज सकेंगे फोटो, मैसेज और दस्तावेज
वायरलेस टेक्नॉलॉजी को लेकर अपने जुनून के चलते टेस्ला ने डेटा ट्रांसमिशन पर केंद्रित कई आविष्कार किए और इससे जुड़े कई सिद्धांतों को विकसित किया। गुइलेर्मो मार्कोनी ने सबसे पहले अटलांटिक भर में मोर्स कोड के ज़रिए पत्र भेजे लेकिन टेस्ला इससे आगे का कुछ करना चाहते थे। उन्होंने संभावना जताई थी कि पूरी दुनिया में एक दिन टेलिफोन सिग्नल, दस्तावेज़, संगीत की फाइलें और वीडियो भेजने के लिए वायरलेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा और आज वाई-फाई के ज़रिए ऐसा करना संभव है। हालांकि, वो खुद ऐसा कुछ नहीं बना पाए थे, उनकी ये भविष्यवाणी 1990 में वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कार के साथ सच हुई।
कमर्शियल हाई-स्पीड एयरक्राफ्ट
टेस्ला ने कल्पना कि थी कि ऐसे एयरक्राफ्ट होंगे जो दुनिया भर में तेज़ गति से और देशों के बीच कमर्शियल रूट पर यात्रा करेंगे। इन एयरक्राफ्ट में बहुत से यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी। निकोला टेस्ला ने कहा था, “वायरलेस पावर का सबसे अहम इस्तेमाल ईंधन के बिना उड़ने वाली मशीनों में होगा, जो लोगों को न्यूयॉर्क से यूरोप कुछ ही घंटों में पहुंचा देंगी।” उस वक्त शायद इन बातों को पागलपन समझा जाता होगा। लेकिन टेस्ला एक बार फिर सही थे। कम से कम गति को लेकर।
पॉकेट टेक्नोलॉजी यानी मोबाइल फोन
टेस्ला ने 1926 में एक अमरीकी मैगजीन को दिए इंटरव्यू में भविष्य के अपने एक और पूर्वानुमान का जिक्र किया था। उन्होंने तस्वीरें, संगीत और वीडियो ट्रांस्मिट करने के अपने आइडिया को ‘पॉकेट टेक्नोलॉजी’ का नाम दिया। उन्होंने स्मार्टफोन के आविष्कार के 100 साल पहले ही इसकी भविष्यवाणी कर दी थी।
ड्रोन
साल 1898 में टेस्ला ने बिना तार वाला और रिमोट से नियंत्रित होने वाला “ऑउटोमेशन” प्रदर्शित किया। आज हम इसे रिमोट से चलने वाली टॉय शिप या ड्रोन कहते हैं। वायरलेस कम्यूनिकेशन, रोबॉटिक्स, लॉजिक गेट जैसी नई टेक्नोलॉजी से उन्होंने देखने वालों को हैरान कर दिया। लोगों को लगता था कि इनसे अंदर कोई छोटा बंदर है जो सिस्टम को नियंत्रित करता है।…Next
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