चार्ली चैपलिन कॉमेडी की दुनिया का एक ऐसा नाम है जिन्हें हर कोई जानता है। एक वक्त था जब लोगों के चेहरे पर हंसी लाने के लिए चार्ली चैपलिन का नाम काफी था। बिना कुछ बोले करोड़ों लोगों को चार्ली ने खुशी बांटी है। ये वो शख्स था, जो रोते हुए आदमी को भी हंसने पर मजबूर कर देता था लेकिन इस हंसी के पीछे एक ऐसी कहानी है, जो किसी को भी दुखी कर सकती है। उनकी खुद की जिंदगी बेहद दुख और गरीबी में गुजरी। आइये जानते हैं संघर्षों का सामना करते हुए चार्ली चैपलिन कैसे बने कॉमेडी के सरताज-
पिता गाते थे गाना
चार्ली चैपलिन का जन्म 16 अप्रैल 1889 को लंदन में हुआ था। उनकी मां का नाम हैना चैपलिन और पिता का नाम चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन था। चार्ली के पिता एक म्युजिक हॉल में गाना गाते थे और अभिनय करते थे। चैप्लिन परिवार के आय का यही एक जरिया था लेकिन उनके पिता को शराब की ऐसी लत लगी कि पूरा घर तबाह हो गया।
तीन साल में अलग हुए माता-पिता
दरअसल, चार्ली का परिवार बेहद गरीब था, ऐसे में उनके घर में पैसों को लेकर अक्सर तनाव रहता था। चार्ली जब तीन साल के थे, तभी उनके माता-पिता अलग हो गए। गरीबी और बदहाली में चार्ली को अपने भाई के साथ अनाथ आश्रम में रहना पड़ा। उस दौरान उन्हें कई मुश्किलों का सामना किया। कहा जाता है कि पैसों के लिए वह दूसरों के झूठे बर्तन धोया करते थे।
महज 5 साल में गाया गाना
चार्ली के घर में उनेक पिता के बाद उनकी मां ने पूरा घर का जिम्मा उठाया। चार्ली ने अपनी बॉयोग्राफी में लिखा था कि, “मेरी मां हैना स्टेज पर गाना गा रही थी और अचानक उनकी आवाज बंद हो गई, दर्शक जोर-जोर से चिल्लाने लगे, ऐसे में शो के मैनैजर ने एक 5 साल के बच्चे को स्टेज पर भेज दिया और वो कोई और नहीं मैं था। थोड़ी देर मेरी आवाज नहीं निकली, लेकिन बड़ी मुश्किल से जब मैने गाया तो वहां मौजूद दर्शक मेरी आवाज सुनकर खुश हुए।”
सड़कों पर करते थे डांस
चार्ली के घर के हालात अच्छे नहीं थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। लंदन की सड़कों पर उस वक्त ‘लंकाशायर लैंड्स’ नाम का एक डांस ग्रुप हुआ करता था, जिसमें छोटे बच्चे भी होते थे। चार्ली ने वहां जाना शुरू किया, हालांकि, उनका डांस इतना प्रभावशाली नहीं था कि लोग उनपर पैसे लुटाएं.
सड़को पर बेचते थे गुलदस्ते
चार्ली के लिए मुश्किले बढ़ती गई उनके पास रहने और खाने की जगह नहीं थी, ऐसे में उन्होंने गुजारा करने के लिए गुलदस्ते बनाना शुरू किया और उसे शराबखानों के बाहर बेचा करते थे। साथ ही वेटर का भी काम करते थे, ताकि वो अपने खाने का जुगाड़ कर सकें।
एक्टर बनने के लिए रटते थे स्क्रिप्ट
चार्ली को एक्टिंग करना पसंद था, लेकिन उन्हें पढ़ना नहीं आता था। उन्हें लिखी हुई स्क्रिप्ट पढ़ने में दिक्कत आती थी। ऐसे में जब उन्हें एक नाटक ‘ई हैमिल्टन’ में काम करने का मौका मिला तो उन्होंने पूरी स्क्रिप्ट रट डाली थी।
शरलॉक होम्स ने बनाया मशहूर
स्टेज पर जब चार्ली बतौर एक्टर उतरे तो शायद उन्हें भी नहीं पता था कि उनका एक किरदार उन्हें कितना मशहूर बनाने वाला है. ‘शरलॉक होम्स’ में एक्टिंग करके चार्ली सबके दिलों पर छा गए। कहा जाता है कि चार्ली अपनी ज्यादातर फिल्मों में ट्रैप नाम का किरदार का चित्रण करते थे, जो चार्ली का अपना ही अतीत था।
1913 में हुए मशहूर
चार्ली को मोशन पिक्चर की तरफ से एक कॉन्ट्रेक्ट मिला और 1913 में चार्ली कैमरे पर पहली बार अभिनय करते हुए नजर आए। चार्ली को 150 डॉलर हफ्ते के मिलते थे, लेकिन उनकी सफलता ने उन्हें बेहद मशहूर कर दिया। वो इतने मशहूर हो गए थे कि उसी साल उन्होंने 12 कॉमेडी फिल्में साइन की थी।
क्रिसमस के दिन दुनिया को कह अलविदा
चार्ली को जीवन में अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। चार्ली की मृत्यु के दो दशक बाद भी चार्ली अधिकतर लोगों के लिए पसंदीदा हीरो थे। 25 दिसंबर 1977 को क्रिसमस के दिन दुनिया को हंसाने वाला यह शख्स सबको छोड़कर चला गया…Next
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