भारत की कई ऐसी अनमोल धरोहर है जिसकी तारीफ विदेशों में भी होती है। ऐसे में इस देश का नागरिक होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम इस धरोहर को बचाकर रखें लेकिन अक्सर यह देखने को मिलता है कि पुरानी इमारतों या स्मारकों पर लोग अपना नाम लिख देते हैं या कोई तस्वीर बनाकर इस स्मारक को गंदा कर देते हैं। ऐसे में जरा सोचिए, आप खुद के घर में गंदगी फैला रहे हैं। कोई विदेशी नागरिक जब हमारे देश में घूमने आता है, तो उसके मन में हमारे देश की क्या छवि बनेगी? आज वर्ल्ड हेरिटेज डे है, ऐसे में आप प्रण ले सकते हैं कि ऐसे लोगों को न सिर्फ आप कुछ भी ऐसा करते हुए टोकेंगे बल्कि अपने बच्चों को भी इस ओर जागरुक करेंगे। साथ ही अगर आपको हमारे देश के इतिहास में दिलचस्पी है, तो आप इन जगहों पर घूम सकते हैं। पूरी दुनिया में फिलहाल 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें से 36 विश्व धरोहर स्थल भारत में हैं। यहां हम आपको 18 धरोहरों के बारे में बता रहे हैं।
नालंदा यूनिवर्सिटी, बिहार : तक्षशिला के बाद नालंदा को दुनिया की दूसरी सबसे प्राचीन यूनिवर्सिटी माना जाता है। इस यूनिवर्सिटी में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, ईरान, मंगोलिया सहित कई दूसरे देशों के स्टूडेंट्स भी पढ़ाई के लिए आते हैं।
कंचनजंघा नेशनल पार्क, सिक्किम : कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी। सिक्किम में यह सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और सिक्किम के उत्तरी जिले में 850 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है।
कैपिटल कॉम्प्लेक्स, चंड़ीगढ़ :
चंड़ीगढ़ का कैपिटल कॉम्प्लेक्स इस सूची में जगह बनाने वाला 17वां ऐसा स्थान है जिसे फ्रेंच स्विस आर्किटेक ली कोर्बुजियर ने डिजाइन किया था।
काजीरंगा नेशनल पार्क : असम की इस जगह को यूनेसको (UNESCO) ने 1985 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल कर लिया था। इस राष्ट्रीय उद्यान को खतरे में आई गैंडों की प्रजाति को बचाने के लिए 1908 में स्थापित किया गया था।
हम्पी : कर्नाटक के हम्पी में तुंगभद्रा नदी के किनारे कई पुरातात्विक स्मारक हैं। इन स्मारकों के समूह को भी सांस्कृतिक महत्व के चलते वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है।
जंतर मंतर : जयपुर का जंतर मंतर पुरातात्विक एस्ट्रोनॉमिकल उपकरणों की वजह से जाना जाता है। इसे महाराजा जय सिंह ने बनवाया था। UNESCO ने इसे सांस्कृतिक महत्व की वजह से वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया।
वैली ऑफ फ्लॉवर : उत्तराखंड के चमोली में वैली ऑफ फ्लॉवर नेशनल पार्क और नंदा देवी नेशनल पार्क की प्राकृतिक खूबसूरती को देखते हुए UNESCO ने इन्हें वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया है।
हुमांयू का मकबरा : मुगल शासक हुमांयू का मकबरा 1570 में उनकी बेगम बीगा (हाजी बेगम) ने दिल्ली में बनवाया था। UNESCO ने इसे 1993 में विश्व पुरातात्विक धरोहर घोषित कर दिया था।
ऐलोरा की गुफाएं : ऐलोरा की गुफाओं में बौद्ध, हिंदू और जैन संस्कृति का मेल देखने को मिलता है। ये महाराष्ट्र में हैं। इन गुफाओं में 600 to 1000 ईसवी की कला झलकती है। ये सासंकृतिक विरासत भी वर्ल्ड हेरिटेज साइट का हिस्सा है।
चोल शासन के मंदिर: तमिलनाडु के ऐरावतेश्वर मंदिर, दारासुरम और बॄहदेश्वर मंदिर, तंजावुर और गंगईकोंडा वर्ल्ड हेरिटेज साइट का हिस्सा हैं। इन महान चोल मंदिरों को चोल शासक राजाराज चोल (प्रथम) ने 1003-1010 ई। में बनवाया था।
ताजमहल: दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताज महल भी विश्व पुरातात्विक धरोहर है। यह मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। इसे बनने में 16 साल लगे थे।
गोवा के चर्च: 15वीं और 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली भारत आए और उन्होंने देश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में एक शहर बसाया जिसका नाम है गोवा। उस समय पुर्तगालियों ने गोवा में कुछ चर्च और कॉन्वेंट भी बनवाए जो वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल हैं।
ऐलिफेंटा गुफाएं: ऐलिफेंटा गुफाएं महाराष्ट्र के ऐलिफेंटा द्वीप पर है। यह द्वीप अरब सागर पर बसा है। इनमें गुफाओं के 2 ग्रुप हैं। पहले समूह में 5 बड़ी हिंदू गुफाएं हैं और दूसरे ग्रुप में 2 छोटी बौद्ध गुफाएं हैं। ये गुफाएं 1970 में दोबारा बनवाई गईं औ 1987 में ऐलिफेंटा गुफाएं पुरातात्विक धरोहर बन गईं।
केवलादेव नेशनल पार्क : विश्व पुरातात्विक धरोहर में शामिल केवलादेव नेशनल पार्क राजस्थान के भरतपुर में है। यह नेशनल पार्क सिंध-गंगा के मानसून जंगल में 6,880 एकड़ में फैला है। यहां पक्षियों की 364 प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसे 1986 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया।
महाबोधी मंदिर: सम्राट अशोक ने पहला मंदिर, महाबोधी मंदिर बनवाया था। इस मंदिर का निर्माण बिहार के बोध गया में 260 ई।पू। करवाया गया था। यह वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में सांस्कृतिक और पुरातात्विक महत्व से शामिल किया गया है।
मानस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी: ‘मानस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी’, असम 120,000 एकड़ में फैली है। यह मानस नदी के मैदानों पर है। इसे 1985 में विश्व पुरातात्विक धरोहर घोषित कर दिया गया था।
कुतुब मीनार: कुतुब मीनार को बनवाने की शुरुआत 1192 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाई थी। बाद में इसे इल्तुतमिश और अलाउद्दीन खिलजी ने भी बनवाया। इस मीनार की लम्बाई 238 फुट है। UNESCO ने इसकी बेहतरीन बनावट के लिए इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया।
कोणार्क का सूर्य मंदिर: कोणार्क का सूर्य मंदिर भी पुरातात्विक धरोहर है। यह राजा नरसिंहादेव ने बनवाया था। इस मंदिर को सूर्य देव के रथ के रूप में बनाया गया है, जिसमें भगवान सूर्य और 24 पहिए हैं। यह मंदिर पत्थरों पर की गई नक्कासी से सजा हुआ है। इसे 1984 वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया था।…Next
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