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इन 9 देशों के पास नहीं है अपनी कोई सेना, हमले से ऐसे करते हैं अपनी सुरक्षा

देश की सैन्य शक्ति उस देश की मुख्य ताकत होती है और देश की सुरक्षा का दायित्व वहाँ की सेना पर निर्भर होता है, सेना के जांंबाज बहादुर सिपाही अपने देश की खातिर जान गवांंने से भी पीछे नहीं हटते लेकिन दुनिया के ऐसे देश भी हैं, जहां अपनी कोई सेना नहीं है। आइए, जानते हैं खास बातें-

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal9 Aug, 2019

 

मॉरिशस के लाइट हाउस की खूबसूरत तस्वीर

 

एंडोरा

चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा एंडोरा यूरोप का छठा सबसे छोटा देश है, जिसकी अपनी कोई पर्सनल आर्मी नहीं है। यहाँ कानून व्यवस्था और कुछ जरूरी नियमोँ का पालन पुलिस की जिम्मेदारी होती है। आप सोच रहे होंगे कि, किसी आतंकवादी हमले या युद्ध की स्थिति में यह देश अपनी सुरक्षा कैसे करता है! ऐसे हालतों में इसके पड़ोसी देश स्पेन और फ्रांस इसको आपातकाल में सैन्य सुरक्षा प्रदान करते हैं।

 

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कोस्टा रिका

1948 में छिड़े एक सिविल युद्ध के बाद इस देश ने हमेशा के लिए आर्मी को अपनी सीमाओं के बाहर कर दिया। यहाँ के आंतरिक मामलों का दारोमदार यहाँ की पुलिस के कन्धों पर है। बॉर्डर पर स्तिथ ‘निकारगुआ’ देश से मतभेद होने के बावजूद यह बिना किसी सैन्य संरक्षण के निर्वाह कर रहा है।

 

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डॉमिनिका

1981 में आर्मी की कुछ विषम गतिविधियों के कारण इस देश ने हमेशा के लिए सेना को हटाकर उसे अपनी ज़मीन से दूर कर दिया और इसके जैसे अन्य देशों की तरह यहाँ की पुलिस देश व्यवस्था को संचालित करती है।

 

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ग्रेनेडा

अमेरिका के यकायक हमले के कारण यहाँ की सरकार ने 1983 में कठोर कदम उठाते हुए हमेशा के लिए सेना को अपने क्षेत्र से दूर कर दिया और ‘रीजनल सिक्योरिटी सिस्टम ‘को यहाँ की सुरक्षा हेतु संगठित किया हुआ है।

 

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हेतई

आये दिन आर्मी द्वारा अकस्मात आघात इस देश में एक सामान्य बात थी, जिसके कारण यहाँ की सरकार ने और देशों की तरह अपने देश से आर्मी का निष्कासन कर दिया और 1995 से यह देश बिना सैनिक बल के हर परिस्थिति का सामना करता है।

 

 

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आइसलैंड

आपको अचम्भा होगा जानकर कि  इस देश में 1869 से कोई आर्मी नहीं है। ‘आइसलैंड’ नाटो संगठन का एक सदस्य है, जिसने यूनाइटेड स्टेट के साथ अपनी सुरक्षा का एग्रीमेंट किया हुआ है।

 

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 लैच्टेंस्टीन

इस देश से आर्मी को हटाने का कारण आर्थिक था। यह देश सेना के ख़र्चो को उठाने में सक्षम नहीं था, जिसकी वजह से यहाँ से आर्मी हटा दी गयी लेकिन युद्ध की स्थिति उत्पन्न होने पर लोग मिलकर एक संगठन बना लेते हैं, जिसे आपातकालीन सेना कहा जाता है।

 

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 मोनॅको

इस देश ने 17वीं शताब्दी में आर्मी पावर का परित्याग कर दिया था, लेकिन दो छोटी मिलिट्री यूनिट यहाँ हमेशा एक्टिव रहती है, जिसमेंं से एक यहाँ के प्रिंस की सुरक्षा तो दूसरी आम नागरिक की सुरक्षा हेतु कार्यरत है। मोनॅको की सुरक्षा का पूर्ण दायित्व इसके पड़ोसी देश फ्रांस पर है।

 

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मॉरिशस

दुनिया के जाने माने  देश  मॉरिशस की जनता  भी आर्मी के बिना जीवन निर्वाह करती है। लगभग 10,000 पुलिस कर्मचारियों से बनी पर्सनल फ़ोर्स यहाँ की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की देखरेख करती है।…Next

 

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