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७४ वर्षीय अन्ना हजारे लोकपाल बिल को लेकर अनशन पर बेठे हे .आज उनका ७ वा दिन हे,देश भर के लोगो ने नारे लगाते हे…पुरे देश में अन्ना के पोस्टर लेकर रेलिया निकल रही हे….
पर 60% देशवासी ओ को ये भी पता नहीं हे ,अन्ना कोन हे,और लोकपाल किस चिड़िया का नाम हे……
हमारे देश में हजारो गाँव ऐसे हे जिसमे television क्या हे,और मोबलिए क्या हे……….
ऐसे हालत में सबसे पहले ये जरुरी बन जाता हे……….की हमारे देश की हालत क्या हे..और लांच रिश्वत को किसे कहते हे… कोन करता हे ये………..?आम लोग से लेकर बड़े-बड़े नेता,संतो-महंतो,,सांसदों ,बड़े- बड़े अधिकारी ….बाबा रामदेव देखो उनकी खुद की प्रोपर्टी २००० क्रोड़े हे बेठे थे अनशन पर.. ……….यानि चपरासी से लेकर अफसर तक आज कल बिना पैसे से कुछ कम ही नहीं करते हे.घास घोटाला,2g स्पेक्ट्रम,CWG , कंहा नहीं हुआ corruption,,,,,,,
ऐसे में हम लोकपाल बिल लायेगे…..क्या इससे corruption कम हो जायेगा……….कानून तो पहले भी था………आज भी हे..
मिसा,पासा……..ये सब कानून ही तो हे…………मिसा और पासा भी सब को लागु किया जाता हे…चाहे वो मिनिस्टर हो या businessmen … हो.. आखिर कानून बनाने वाले भी लोग हे..उससे तोड़नेवाले भी लोग हे…लोकपाल के मेम्बर कोई दूध से धुले तो होगे नहीं ना ………जब वो ही करेगे कोर्र्प्तिओन तब क्या होगा…तब हम कहते हे उसकी जाँच सुप्रीम कोर्ट करेगी………….जरा सोचो…जब लोकपाल के मेम्बर की जाँच सुप्रीम कोर्ट कर सकती हे………..तो लोकपाल की क्या जरूरत हे………….न्यायतंत्र तो सबसे अलग हे..वो तो नेता हो या उद्योगपति…गुनाह साबित होते ही जेल हो जाती हे………हर्षद मेहता..ने लोगो का ४०० करोड़ का घोटाला किया तो जेल में किसने डाला..,ऐ राजा ,सुरेश कलमाड़ी कुन्जिमौइ को जेल में किसने डाला हे………….सुप्रीम कोर्ट के आगे कोई लोकपाल नहीं आ सकता हे…..पहले लोगो की सोच को बदलो….जब सोच बदल जाएगी तब लोकपाल की कोई जरुरत नहीं रहेगी.. …………..ना रहेगा बांस.ना रहेगी बांसुरी हे ना,,
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