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कहीं ये फिजा तो नहीं ……………………

DIL KI KALAM SE
DIL KI KALAM SE
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मेरी कहानी मुंबई में रहती एक ऐसी लड़की (कल्पना) पर आधारित है जो एक ऐसे मझधार में फसी है l जिसे अपने भविष्य का तो कोई किनारा नजर आ ही नहीं रहा है साथ ही साथ उसकी जिन्दगी से जुड़े कई लोगो की जिंदगी भी मझधार में फस गयी है और किसी को भी इस कहानी का अंत किस प्रकार होगा समझ नहीं आ रहा हैl कहानी कुछ इस प्रकार है कि एक लड़की (कल्पना) जो जिंदगी में बहुत पढना लिखना चाहती थी लेकिन उसके माता पिता ने उसकी शादी सोलह साल में ही एक सही सा लड़का देख कर दी l माता पिता कि नजर में लड़के का परिवार और लड़का काफी सभ्य समाज से थे लेकिन लड़की के काफी कोशिश करने के बाद भी इस परिवार में सामजस्य स्थापित करने में असक्षम रही l अत: इसका परिणाम यह हुआ कि लड़की को लड़के से तलाक लेना पड़ा इसी बीच दोनों के दो बच्चे भी भी हो गए एक लड़का और एक लड़की जो कि अब लड़का कल्पना के पास रह गया और लड़की को लड़के के परिवार वालो ने अपने पास ही रख लिया l अब दोनों परिवारों का एक दुसरे से कोई तालुकात नहीं हैं l अब इस घटना के बाद कल्पना कि जिंदगी में एक दूसरा लड़का आया और उसने बिना किसी से कोई बात किये उस लड़के से प्रेम विवाह कर लिया l लेकिन बाद में पता लगा की वह लड़का शराब, ड्रग्स आदि अनके बुराइयों की लत का शिकार था l तब उसे लगा की उसका फैसला गलत था इसलिए उसने उसे छोड़ने में ही उसने अपनी भलाई समझी और कुछ समय साथ रहने के बाद उस लड़के से भी कल्पना का भी सम्बन्ध टूट गया इस सदमे को कल्पना बर्दास्त नहीं कर पाई और दिमांगी बीमारी का शिकार हो गई l परिवारवालों कि काफी कोशिशो के बाद कल्पना को बचाया जा सका l इसके बाद कल्पना ने कही घर का खर्च चलाने के लिए कही किसी निजी संस्था में छोटी सी नौकरी पकड़ ली l अब सब कुछ ठीक चल रहा था कि उसकी जिंदगी में एक और सख्श (राजेश ) का प्रादर्पन हुआ l राजेश दिखने में सुंदर और सुशील लड़का था अच्छे परिवार से सम्बन्ध रखता था l पहले उनकी दोस्ती हुई और यही दोस्ती आगे चल कर प्यार में बदल गई लड़की ने सब कुछ राजेश को बता दिया और उससे भी उसके बारे में पूछने कि कोशिश करती रही लेकिन राजेश हर बार उसकी बातो को टाल देता लडको की आदतों के अनुसार राजेश ने भी चिकनी चुपड़ी बातो से उसे अपनी बातों में फसा लिया और उसकी हकीकत को तो वह पहले से ही जनता था इसलिए उसे उसकी समस्याओं को समझने में देर ना लगी और इसी बात का फायदा राजेश ने बखूबी उठाया भी l अब जब कल्पना पागलो कि तरह से उससे प्यार करने लगी है तो राजेश ने उसे बताया कि वह शादी सुधा है और उसके दो बच्चे भी है और कल्पना के लिए वह अपने परिवार को नहीं छोड़ सकता l कल्पना के सभी दोस्तों ने उसे समझाने कि बहुत कोशिश कि लेकिन उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें उसका कहना है वो उसके बिना जी नहीं सकती और लड़का उसे शादी करने को तैयार नहीं………..अत: इस कहानी का क्या अंत होगा क्या यह भी कही कोई दूसरी फिजा तो नहीं……….
आज केवल कल्पना ही नहीं हमारे देश में बहुत सी लड़कियां इस समस्या से ग्रस्त हो चुकी है जो माता पिता को बिना बताये चुपके चोरी चोरी बिना इसका परिणाम को सोचे प्रेम विवाह कर लेती है अंत में उनके पास पछताने के अलवा कुछ भी शेष नहीं रहता या तो आत्महत्या का शिकार होती है नहीं तो किसी भयानक मानसिक बीमारी का शिकार हो जाती है या फिर गलत लोगो के चंगुल में फस जाती हैl और ये ढोंगी लोग उनकी मजबूरियों का बखूबी फायदा उठाने से कभी नहीं चुकते l

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