DIL KI KALAM SE
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तुम ही मेरी अर्ध्दगानी,
तुम ही तो हो प्रियतमा
जीवन तुमसे पूरा मेरा,
किस्से करूँ तेरी उपमा
तुम ही मेरी अर्ध्दगानी,
तुम ही तो हो प्रियतमा
प्रेम गगरिया हृदय लाई,
ओजस जैसा सुत दीना
घर में मेरे खुशियां लाई,
किस्मत से अब क्या लेना
तुम ही मेरी अर्ध्दगानी,
तुम ही तो हो प्रियतमा
बुरा भला जो कहा है तुमको,
सुख तुमको न दे पाया
क्षमा करना अपने फूल को,
बहा प्रेम की रस धारा
तुम ही मेरी अर्ध्दगानी,
तुम ही तो हो प्रियतमा
तुम्हारा फूल
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