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जब कभी भी और कहीं भी हम बात करते है भारत की, तो एक बात का ज़िक्र अवश्य होता है। वह है भारत की आबादी। World Bank के अनुसार भारत की आबादी 132 करोड़ है और 2025 तक भारत आबादी के क्षेत्र में चीन को भी पछाड़ देगा। हाल ही में भारत सरकार ने सोचा है कि वह citizenship act 1955 के कानूनों में बदलाव कर उन्हें और सरल और आसान बनाएगी। जिससे 31 दिसम्बर 2014 से पहले आये हिन्दू,पारसी ,जैन ,बौद्ध ,सिख़ और ईशाई भाइयों को भारत की नागरिकता मिलने में बहुत सहूलियत हो जाएगी। यह बिल सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से आने वाले लोगों पर लागू होगा। अभी इस मसले पर चर्चा चल रही है , वैसे तो यह मसला 2016 का है , लेकिन हाल ही में असम के लोगों ने इसका विरोध किया है जिसकी वजह से ये चर्चा में आ गया है। यह बिल सबसे पहले तो धर्म निरपेक्ष नहीं है जो हमारे सविंधान के खिलाफ़ है। क्या रोहिंग्या मुसलमानों भाइयों पर अत्याचार नहीं हो रहे? तो फिर उन्हें इस बिल में क्यों छूट नहीं दी गई। दूसरी बात भारत सरकार यह कैसे फैसला करेगी कि कौन कौन 2014 से पहले आया है और कौन उसके बाद। जैसा की हम सब जानते है , ज्यादातर लोग दूसरे तरीकों से ही भारत आते है। लेकिन मसला इन सब से बड़ा है , क्या भारत के पास इतने resources हैं की हम और लोगों का भार सह सकते हैं? यही मसला असम के लोगों
ने हाल में ही उठाया है। इस मसले पर ज्यादा बात करना अभी ठीक नहीं होगा क्योंकि अभी बस इस पर चर्चा ही चल रही है।
अब बात करते है हमारी बढ़ती हुई आबादी की। हम जब भी आबादी की बात करते हैं तब एक ख़याल आता है ,ज्यादा लोग ज्यादा परेशानियाँ और कम resources . लेकिन क्या यह आबादी आने वाले वक़्त में हमारा सबसे बड़ा हथियार बन कर साबित होगा। जवाब है , हाँ। अगर हम इस पहलू पर सोचे और काम करे तो सही में 21 वी सदी भारत की अवश्य होगी। अब आपको लग रहा होगा मैं एक राष्ट्रवादी की तरह बात कर रहा हूँ। लेकिन नहीं , मैं जो बोल रहा हूँ इसके पीछे का कारण सुनिए। 2015 तक भारत में हर साल भारत ३१ लाख skilled workers पैदा करता है , जब कि 2022 में skilled workers की जरुरत 5000 lakhs होगी। क्या भारत इस संख्या में skilled workers बना सकता है। अगर हाँ , तो हम न ही सिर्फ भारत को एक बहेतर देश बना पाएंगे बल्कि संसार में बढती skilled workers की demand को पूरा कर सकेंगे।
भारत की आबादी उसके लिए वरदान साबित हो सकती है। क्योंकि 2022 में भारत की युवा फ़ौज की average age होगी 29 जबकि china जैसे देश की average age होगी 39 । इसका अर्थ है की अगर हम अपनी युवा शक्ति को अच्छी शिक्षा और बहेतर स्वास्थ्य दे पाये तो अवश्य हम इस दुनिया को चलाएंगे। लेकिन ये सब देने से पहले शायद हमें अपने युवाओं को सवाल करना सीखना पड़ेगा। क्योंकि भारत के पास के बहुत बड़ी opportunity है , लेकिन एक बहुत बड़ी समस्या भी। हमें अब तो आख़िर अपने बारे में न सोच कर राष्ट्र के बारे में सोचना होगा। शायद अब युवाओं को कहने की जरुरत है , बहुत हो दंगागीरी बहुत हो गया बसों को जलाना , अब वक़्त है देश बनाने का। भारत बनाने का। आख़िर में मुझे बस एक movie की line याद आ रही है ,
देश सेवा के लिए वर्दी का होना जरुरी नहीं है , लेकिन एक नागरिक होना जरुरी है।
जय हिन्द
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