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ईद का त्यौहार और सरकारी कर्मचारी………

परिवर्तन की ओर.......
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शीर्षक कुछ अजीब सा लग सकता है……..क्योकि आप कितना भी दिमाग लगा लें ……. दोनों में कोई सम्बन्ध नज़र नहीं आता……….. पर अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो ये कोई मुश्किल पहेली नहीं है…………….

ईद मुस्लिम समुदाय के भाईयों का पवित्र त्यौहार……….. वास्तव में आप चाहे किसी भी धर्म के हों, अगर आप ध्यान दें तो आपसी प्रेम और सौहार्द का त्यौहार है ईद………. मस्जिद में नामज़ के लिए एक साथ झुकते लाखों सर ……….. उस परमपिता परमात्मा……….. उस अल्लाह….. उस खुदा……… उस परमेश्वर ……….. के प्रति असीम श्रद्धा को प्रदर्शित करते हैं……… फिर उसके बाद आपस में गले मिल कर हर गिला शिकवा भुलाने को तैयार हो जाते हैं………. फिर घर में उत्सव का माहौल…………

ये तो है ईद के बारे में पर इसका सरकारी कर्मचारी से क्या सम्बन्ध …………….

इस बार ईद की संभावित तिथि 11 सितम्बर बताई गयी थी…….. पर जैसे ही जुम्मा अलविदा 3 सितम्बर को मनाया गया…… तो सबको लगने लगा की ईद अब 10 सितम्बर की होगी………. 11 सितम्बर को शनिवार की छुट्टी और फिर इतवार ……… कुल मिलकर 3 दिन की छुट्टी……. अब 3 सितम्बर से ही सारे सरकारी कर्मचारी एक स्वर में ईद का चाँद 9 सितम्बर को दिखाई देने की प्रार्थना करने लगे…….

पुरे ऑफिस में ये ही चर्चा थी की क्या ईद 10 सितम्बर को होगी……… यार होनी तो चाहिए…….. सभी ये ही कह रहे थे…… अब चाँद पर सबकी नज़र टिकी थी………. जमा मस्जिद के मौलाना साहब इतने परेशान नहीं थे जितने की सरकारी कर्मचारी……….. पुरे दफ्तर में माहौल बड़ा उत्सुकता भरा था……………..

अब एक साहब मेरे पास आये और बोले पन्त जी जरा अपने मित्र से पता तो करो की कब है ईद……… तो मैंने मित्र से पुच लिया …….. वो बोला सर जब चाँद दिखेगा तब होगी…….. फिर मुझे लगा की जो मित्र इतने दिनों से ईद के इंतजार में है…….. उसको कोई जल्दी नहीं तो फिर बाकि लोगो को क्यों………..

तब मैंने पूछा की आपको भी ईद में जाना है क्या सर ……… तो वो बोले नहीं यार एक दिन की और छुट्टी और मिल जाती…….. 3 दिन घर पर आराम करते……….. इसलिए ईद 10 सितम्बर की चाहिए थी……….

आखिरकार दिन ख़त्म हुआ और पता नहीं चल पाया की ईद कब है…….. फिर कहा गया की क्योंकि चाँद शाम को दिखागा तो छुट्टी 7 बजे के बाद पता चलेगी……. हम लोग साढ़े पांच बजे ऑफिस से निकले और रोज की तरह डेढ़ घंटे के सफ़र के बाद घर पहुचे………. घर जाते ही समाचार सुने की ईद कब है…………… कोई खबर नहीं थी……………

समझ में आ गया की ईद अब परसों होगी………… मन पूरी तरह से छुट्टी के लिए तैयार था……… पर 10 सितम्बर को ऑफिस जाना पड़ा…….. फिर ऑफिस में जब इस विषय पर चर्चा की गयी की कल हमारी क्या दशा थी तो समझ में आया की इस ईद की छुट्टी के लिए हम सब पूरी तरह से एक जुट थे……… चाहे हिन्दू हो चाहे मुस्लिम या सिख या ईसाई………… और इस में हम सभी को पूरी तरह आनंद आ रहा था…………..पर आज हम शर्मिंदा थे की एक पुरे त्यौहार को हम एक दिन के अवकाश तक सिमित समझ रहे थे…………

वास्तव में त्यौहार हम अवकाश तक सिमित कर देते हैं……… और प्रेम का सन्देश देते ये त्यौहार यूँ ही निकल जाते हैं.

आप सभी पाठक लोगों को ईद की हार्दिक बधाई…………………….

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