Menu
blogid : 1372 postid : 1472

ये हिन्दी है…….

परिवर्तन की ओर.......
परिवर्तन की ओर.......
  • 117 Posts
  • 2690 Comments

वो बुढ़िया जो उस ओर दूर खड़ी है,
वो कमजोर है, और बहुत अकेली भी,
कहते हैं थी कभी सम्पन्न बहुत वो,
कई लोगों ने दिया था माँ का सम्मान उसे,
.

दुत्कार दिया जब से अपनों ने,
तब से यूं ही उपेक्षित सी दूर खड़ी है,
जब लोगों से पूछा मैंने उसके बारे में,
बन अनभिज्ञ सकुचाने लगे सब बतलाने में,
.

बहुत ज़ोर डाल कर सोच रहा हूँ,
कौन है ये, कौन हो सकती है,
क्या ये अपनी मातृभाषा है,
हाँ लगता है कि ये हिन्दी ही है….
.
.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh