Menu
blogid : 18093 postid : 771607

“F.D.I.”

SUBODHA
SUBODHA
  • 240 Posts
  • 617 Comments

F.D.I. को लेकर इस देश में बहुत हलचल थी,है और होती रहेगी,क्यूंकि विदेशियों की गुलामी झेलने के बाद हम हर कदम फूंक -फूंक कर चलते हैं | पर मेरा मानना है,यह सरकार सही दिशा में अग्रसर है | यह कोई ऐसा प्रयास नहीं कि हम कटोरा लेकर खड़े हैं,और दुनिया वालों से गिड़गिड़ा रहे हैं,कुछ डाल दो इसमें | यदि इस देश का पैसा काला धन बनकर बाहर जा सकता है,तो किसी दूसरे रास्ते से आना भी चाहिए,और वह रास्ता है- Foreign direct investment (FDI)- is a direct investment into production or business in a country by an individual or company of another country, either by buying a company in the target country or by expanding operations of an existing business in that country. Foreign direct investment is in contrast to portfolio investment which is a passive investment in the securities of another country such as stocks and bonds.(विकिपीडिया से साभार ).
थोड़ा अधिक आसानी से इसे समझ लेते हैं,मुंबई -दिल्ली जैसे शहर में किसी के पास १ लाख रुपये होना,आज के समय में कोई बड़ी बात नहीं है,पर यदि इतना ही पैसा किसी गरीब गांव के इंसान के पास हो ,तो वो लखपत कहलायेगा | वैसे ही अमेरिका में किसी के पास १ लाख डॉलर हो तो वो गरीब और उतना पैसा भारत में किसी गांव में लगा दो तो पूरे गांव की तस्वीर बदली जा सकती है,और अमेरिका का गरीब भी इस देश में अमीर समझा जाएगा और वह अमेरिकी इंसान इस देश में एक सफल बिजनेसमैन बन सकता है,मैंने कही पढ़ा बिजनेसमैन का कोई देश अपना नहीं होता,उसको जहाँ से फायदा हो वही देश उसका | ऐसा करने से दोनों की भलाई है |
मैं जिस कंपनी में अभी कार्यरत हूँ वह भी १९४७ में एक विदेशी ने ही खोली थी,आज इसका मालिक एक भारतीय है | आज का भारत १८०० ईस्वी का भारत नहीं कि कोई एक कंपनी खोलकर पूरा देश लूटकर चला जाएगा,और हमें कुछ पता ही नहीं चलेगा | आज इस देश की जनता हर हलचल का अनुभव करती है |
आओ सब मिलकर F.D.I. का हार्दिक स्वागत करें |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh