Menu
blogid : 18093 postid : 753415

“man power”

SUBODHA
SUBODHA
  • 240 Posts
  • 617 Comments

“मानव शक्ति”-भारत जैसे विशाल और सन्तानप्रेमी देश में इसकी कोई कमी नहीं,कमी है तो केवल सही डायरेक्शन मिलने की,सही ट्रैनिंग मिलने की और अपने काम पर लग जाने की.
संतति,उन्नति और विनाश दोनों का कारक होती है.
वरमेको गुणी पुत्रो,न च मूर्ख शतान्यरपि,
एकश्च चन्द्रः तमो हन्ति ,न च तारागणैरपि. अर्थ -१०० मूर्ख पुत्रो की अपेक्षा ,एक गुणवान पुत्र श्रेष्ठ है,जैसे रात का अँधेरा, एक चन्द्रमा से मिट जाता है, अनगिनत तारों के समूहों से नहीं.
पर हर इंसान चन्द्रमा जैसा शीतल और सूर्य जैसा प्रखर बने,इसके लिए ट्रेनिंग चाहिए. ट्रेनिंग आवश्यक नहीं I.I.T. ,I.I.M. ,HARVARD से ही मिलेगी.एक किसान भी अपने बच्चे को अच्छी ट्रेनिंग दे सकता है,कर्मठ और काबिल बना सकता है ,यदि बच्चा आज्ञाकारी हो और किसान हितोपदेशी हो.
ONE TRAINED MAN POWER IS BETTER THAN 100 UNTRAINED PERSON.
Too Many Cooks Spoil The Broth.
इस भयंकर संसार में कमी निकालने वाले,टाँग खीचने वाले लोगो की कोई कमी नहीं.परिवारवाद,जातिवाद और क्षेत्रवाद हर जगह विद्यमान है.रावण रूप में “मैं” सबके अंतःस्थल में विराजित है.जन्मांध और प्रज्ञाचक्षुहींन पिता,आँखों पर पटटी बाॅधे हुए माता ,मामा-भांजा, केवल द्वापर की महाभारत और कलियुग के रेलवे स्कैम में ही नहीं,हर जगह,हर आर्गेनाइजेशन,हर घर में उपस्थित है.
कुछ महानुभाव ऐसे भी होते हैं जो अपनी १०० गलती को छुपाकर,महान बनने का मुखौटा जड़े रहते हैं,और दूसरे की १०० उपलब्धियों को अपने ऊपर चढ़ा लेते हैं.और यदि दूूसरे से एक गलती हो गयी तो १०० दिन तक १०० तरीके से १०० लोगों को बताते रहेंगे.पर ढोंगी बिल्ला का असली रूप एक न एक दिन सब जान जाते हैं.यदि इस देश में तमाशबीन और तमाशगीर हैं, तो कंट्रोलर भी. एक कहावत है -“ईश्वर जब देता छप्पर फाड़ के देता और जब लेता ,चमड़ी भी उधेड़ लेता”.
किसी सुचारूरूपेण चलती हुयी कंपनी का अचानक बंद हो जाना एक विशेष व्यक्ति की असफलता का सूचक नहीं,वरन उस कंपनी में कार्यरत प्रत्येक इंसान की नाकामी की ओर इशारा है.लेकिन अचानक एक कंपनी का बंद हो जाना बहुत सी जिन्दिगियों में सुनामी और भूकम्प ला देता है.कुछ मजबूती से डटें रहते हैं,कुछ हार मानकर प्राण छोड़ने को विवश हो जाते हैं. एविएशन की एक कंपनी बंद हुयी ,उसका एक अपरेंटिस मुझे मिला ,उसने बताया सर ,यदि एक स्पेयर पार्ट की आवश्यकता होती थी,तो १० आर्डर कर दिए जाते थे और देश में १० एयरपोर्ट पर १-१ स्पेयर रखे जाते थे,क्यों कि पार्ट्स आर्डर करने वाले को सप्लाई कंपनी से कमीशन मिलता था. उसपे क्या फर्क पड़ता, ये कंपनी चले या न चले. यह तो वही बात हुयी सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को एक ही दिन काट दोगे तो यही होगा.
हमारी पिछली कंपनी के डायरेक्टर ने एक बार कहा -“A PENNY SAVED IS PENNY EARNED”. SO SPEND WISELY.
अच्छे दिन तभी आएंगे,जब हर इंसान पहले देश, समाज ,परिवार और अंत में अपने लिए जियेगा.नहीं तो कोई भी नेता आये,कोई भी जाये,घोटाले होते रहेंगे.चोर, चोरी करने का तरीका खोज ही लेता है.
“जयहिन्द”.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh