Menu
blogid : 18093 postid : 838891

“कर्मकांड और भगवान”

SUBODHA
SUBODHA
  • 240 Posts
  • 617 Comments

आजकल अपने देश में धर्म का भी बहुत ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है ,आये दिन कुछ दुखद घटनाएँ भी घटित हो रही | कभी पुजारी काटे जा रहे ,तो कभी मौलवी |कुछ एक को लगता है ,जैसे पूरा हिन्दू धर्म का भार उन्ही के कंधो पर हो,जोकि अत्यंत हास्यास्पद है | दूसरी ओर हमारे अंदर की निष्ठा कम हो रही और कर्मकांडी बढ़ रहे हैं ,जो भले ही सही से राम का भी उच्चारण न कर सके,लेकिन लोगो को मोक्ष बाटंते हुए घूम रहे ,काला कपड़ा दो ,शनि उतर जाएगा ,लाल कपडे दो ,मंगल उतर जाएगा आदि | कुछ ऐसे हैं जिन्हे लगता साल में एक बार सत्यनारायण की कथा करवा लो सब ठीक हो जाएगा अथवा कुछ को दिन भर तेज़ आवाज़ में गला फाड़कर राधे -राधे चिल्लाने से लगता ,बस भगवान को वो अपने जेब में ही डाले घूम रहे हों |
परन्तु ऐसा कदापि नहीं है अथवा ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कर्मकांड गलत है ,षोडशोपचार पूजन की क्या आवश्यकता है ,बशर्ते भाव से किया जाये तो, नहीं तो ७ क्या ७० परिक्रमा भी जीव का उद्धार नहीं कर सकती ,दिन भर घंटा बजाते रहो ,तो भी कुछ नहीं होगा ,यदि आप “मुंह में राम बगल में क्षुरी” वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हो तो ,क्यूंकि प्रभु अन्तर्यामी है और इंसान कितना भी ध्यान रखे ,लेकिन कुछ न कुछ त्रुटि तो हो ही जाती है कर्मकांड में ,कुछ आगे -पीछे हो जाएगा ,कुछ छूट जाएगा |
इसलिए कर्मकांड से भी ज्यादा जरूरी है अपने कर्म का शोधन और शुद्ध भाव |
हमारे बाबा जी के बड़े भाई ,ताऊ जी के बेटे ,उन्हें कर्मकांड का बहुत अच्छा ज्ञान था ,कुछ भी इधर -उधर हो तुरंत टोक देते ऐसा नहीं ,ऐसा होता है | उत्तर भारत में अखंड रामायण का पारायण किया जाता है,वो किसी बिना यज्ञोपवीत किये हुए नए किशोर लड़के को रामायण नहीं पढ़ने देते थे और उन्हें रामायण का इतना अच्छा ज्ञान भी था ,यदि किसी चौपाई में “को” के स्थान पर “का” पढ़ दिया तुरंत कहते सही से पढ़ो ,”का ” नहीं “को ” है |
पर हमारे बाबाजी का नरम स्वाभाव ,उनके सामने तो कुछ नहीं कहते थे ,बड़े भाई होने के कारण ,पर बाद में कहते पढ़ो यार ,पढोगे नहीं तो पढ़ना आएगा कैसे ,बच्चों को तो अवश्य पढ़ना चाहिए रामायण |
अतः भगवान भाव से पाया जाता है ,ध्यान से खोजा जाता है ,जीव दया करने से उसकी कृपा बरसती है,कर्मकांड एक छोटा माध्यम है न कि भगवान |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh