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कुछ दिनों पूर्व मैंने एक समाचार पढ़ा,भारत में डायन के चक्कर में १६० मौतें हुयी इस वर्ष | बुद्धिजीवियों का विषय है,यह अंधविश्वास कैसे ख़त्म होगा | मेरा विषय है -डायन पर कैसे विजय पाएं | समाज मुझे अंधविश्वासी समझ सकता है,पर मैं आँखों देखी घटना पर विश्वास करता हूँ |
मेरा मानना है , इस देश में तर्पण अर्पण करने की एक सनातन व्यवस्था है,उसे जीवंत रखना अत्यावश्यक है और भूत -पिशाच -डायन से दूर रहने के लिए शिव -हनुमंत -शक्ति की उपासना अनिवार्य है | भटकती अतृप्त आत्माओं की अनेक इच्छाएं ही मानव को पीड़ा देने के लिए आतुर हैं | तामसिक साधना को छोड़कर,सात्विक उपायों को खोजिए | यदि आप तामसिक पद्धति से,किसी जानवर की बलि देकर समाधान चाह रहे हैं,तो बलि दिए गए जानवर की आत्मा भी एक नयी अतृप्त आत्मा बन जाएगी,अतः बलि प्रथा पूर्ण रूपेण बंद हो |
बचपन में हम दोनों भाई रात्रि में उठकर,सोयी हुयी स्थिति में ही रोने की आवाज़ निकालने लगते थे | हमें जगाने का प्रयत्न किया जाता था,पर नींद ही नहीं खुलती थी | मेरा अपना अनुभव है ,मुझे एक डरावना स्वप्न आता था जिसमे मैं आग ,कुआं आदि के बीच अपने आप को पाता था | हमारी चाची जी ने हमें बताया, ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै बिच्चे,का तीन बार सोने से पूर्व उच्चारण कर लेने से रात्रि में यह समस्या नहीं होगी,मुझे इससे लाभ मिला | आज भी मैं इस नियम को फॉलो कर लेता हूँ | अभी कुछ माह पूर्व मैंने इसके बारे में एक NEWSPAPER में भी पढ़ा ,यह एक प्रकार की मानसिक समस्या है,जो अनुवांशिक भी रहती है -कोई विशेष नाम है इसका | पर जो भी हो ,अब मैं इस समस्या से ग्रसित नहीं हूँ |
यदि आप को ऐसा लगता है,घर में किसी पर डायन का प्रकोप है ,तो उसे प्रताड़ित कदापि न करे | सामान्यतः जनमानस की यह सोच है -लट्ठ के डर से भूत भागता है – पर यह सोच तुम्हारे अपने की जान भी ले सकती है और न ही लोभान,मिर्च आदि का धुंआ दे,इससे मरीज़ की दम घुटने से मृत्यु हो सकती है | मरीज़ को डॉक्टर से प्राथमिक उपचार दिलवाएं और घर में शक्ति के नाम का एक अच्छा हवन करवाएं |
|||लाभ अवश्य होगा |||
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