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इस देश में जागरण करने की बहुत पुरानी पद्धति है,वह भी रात्रि जागरण,विशेषकर नवदुर्गा के व्रत में.पर आजकल नए जागरण प्रारम्भ हो रहे हैं-गंगा जागरण यात्रा,यमुना -हरनन्दी जागरण यात्रा.इस देश में जितनी नदियां हैं ,यदि उतनी जागरण यात्रा प्रारम्भ हो जाये, और एक २० वर्षीय इंसान हर यात्रा में शामिल होने का मन बना ले,तो ७० -८० वर्ष तक चलता ही रहेगा. शायद उपरोक्त वर्णित २ जागरण यात्रायें,दैनिक जागरण का विशेष प्रकल्प है,अच्छा है एक मीडिया हाउस ने समाज को जगाने के लिए,एक यात्रा का प्रारम्भ किया.वैसे तो इस देश में अधिकतर यात्रायें/रथयात्राएं वोट बटोरने के लिए की जाती हैं और हमारे कई नेता ,इस अभियान से बहुत सफल भी हुए.इस सरकार के आने से पूर्व भी गंगा के नाम से बहुत पैसा आवंटित हुआ और गंगा भक्त बनकर,न जाने कौन -कौन सारा पैसा खा गए और डकार तक नहीं ली. देखना यह है,अपने को सबसे ईमानदार और काबिल समझने वाली यह सरकार क्या और कैसे करती है?
मेरा व्यक्तिगत मानना है,इस धर्म प्रधान देश में,धर्म ग्रंथों का संशोधन,पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबन्ध,गंगा के तटीय क्षेत्रो में वृक्षारोपण,गंगा के तट का भव्य निर्माण आदि कार्यों से परिवर्तन हो सकता है.हम सुबह यात्रायें कर रहे हैं और शाम को २-४ टन सड़े -गले फूल,कूड़ा -करकट के साथ गंगा,यमुना और अन्य नदियों में विसर्जित कर रहे हैं,तो कुछ लाभ नहीं होने वाला,इन यात्राओं से.
ऐसे ही दिल्ली में हमारे स्वास्थ्य मंत्री,तम्बाकू जागरण अभियान चला रहे हैं,उनके वोट बढ़ना अगले विधान सभा में तय है,और कांग्रेस के एक भाईसाहब,जो रेल मंत्री की नेम प्लेट ,अपने पैरों तले रौंद रहे थे-केस हो गया है ,शायद उन्हें जेल भी हो सकती है.इतनी करारी हार के बाद भी,अभी इन्हे उसका अनुभव नहीं हुआ.इतने दिन सरकार में रहे,नशा धीरे -धीरे ही उतरेगा,कहो २० -२५ साल में उतर पाये.यही तो इस देश की राजनीती का पागलपन है,गाली दो ,पुतला जलाओ,तोड़-फोड़ करो,पटरी के लॉक उखड़वा दो,समाज में किसी के नाम का खौफ और बदनामी पैदा कर दो.किसी के सही कार्य को भी गलत साबित करो,मैं यह दृढ़ता पूर्वक कहता और लिखता हूँ -यह राजनीति नहीं,कुछ व्यक्तियों का मानसिक दिवालियापन है.
यह सरकार चाहे तो ,गुटखा,तम्बाकू,शराब,पॉलिथीन जैसी अन्य अनेक वस्तुओं को पूर्ण प्रतिवन्धित कर सकती है,पर करेगी नहीं.इन्हे अपने वोट कटने का डर रहेगा.अतः वेहतर है, यह जन जागरण यात्रायें करें और अपने वोट बढ़ाएं.परिवर्तन शनैः-शनैः हो, वही सही भी है.
“जय हिन्द ,जय भारत”.
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