Menu
blogid : 18093 postid : 828152

“प्रणाम वसुन्धरे!”

SUBODHA
SUBODHA
  • 240 Posts
  • 617 Comments

विचारको ने यह कहा,यह पृथिवी किसी की नहीं,पर वीरप्रसवनी और वीरभोग्या अवश्य है,और इस पृथिवी का एक मात्र स्वामी परमेश्वर ही है | धर्म ग्रंथों के कथानक के अनुसार,जब दैत्य राजा बलि(प्रह्लाद के पौत्र ) ने पाताल और पृथिवी पर अपना प्रभुत्व स्थापित करके आकाश को भी अपने अधीन करना चाहा,तभी भगवान ने वामन (५२ अंगुल का बौना स्वरुप ) बनकर,तीन पग धरती मांगने के बहाने सब कुछ नाप दिया,कथा का सार यही है,तेरा कुछ भी नहीं और तू भी कुछ नहीं |
बाबा तुलसी ने रामचरितमानस में लिखा-
उमा दारुजोषित की नाईं | सबही नचावत राम गोसाईं ||
दारुजोषित का अर्थ -लकड़ी की कठपुतली,भगवान महादेव,जगतजननी से कह रहे-हे उमा ! सारे संसार को प्रभु राम लकड़ी की कठपुतली की तरह नचा रहे |
पर जब मानव यह भूल जाता है,तब वह निशाचरवत आचरण करने लगता है ,सब कुछ मेरा है ,सब पर मैं ही शासन करूंगा ,सारे संसार में एक मात्र मैं ही मैं हूँ ,मेरा ही धर्म और कर्म महान है ,मैं जो कहूँ वही अंतिम सत्य है |
सुन्दरकाण्ड में वर्णित रावण का पराक्रम देखिये –
कर जोरे सुर दिसिप विनीता | भृकुटि बिलोकत सकल सभीता ||
हमारी चिंता और चिंतन है ,आज हम पर शनि भारी है ,जब शनि हल्का होगा ,तो राहु की महादशा आ जाएगी ,राहु उतरने तक केतु का आगमन हो जाता है,रावण के दरबार में यह सब ,विनम्र स्वभाव से हाथ जोड़े हुयें खड़े हैं और क्या आज्ञा होगी ,इसके लिए रावण की भौओं को निहार रहे हैं और वह भी भयभीत होकर | पर परम सत्ता के सामने रावण भी नतमस्तक है |
हमारा दर्शन कहता है,राम ,शिव भक्ति में लीन है और शिव ,राम भक्ति में | अर्थात किसीके अधीनस्थ होकर रहना भी हितकर ही होता है |
कानून -कायदे ,धर्म शास्त्र ,बड़े -बुजुर्ग ,परिवार -समाज सब आत्म और देश हित के लिए ही बनाये गए |
पर जब हर क़ानून का उल्लंघन होकर,सब कुछ हड़पने पर कोई आमादा हो जाये ,तब बसुंधरा भी बेचैन होती है,गौ रूप धारण कर परम सत्ता से सत्ता परिवर्तन की गुहार लगाती है |
प्रणम्य हैं ,अशोक खेमका जैसे भारत माता के सपूत जिन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए ,इस देश के गद्दारों का काला चिट्ठा खोला और प्रणम्य है वह वसुंधरा भी जिसने ३५० हेक्टेयर बसुधा का एकाधिकार निरस्त किया |
पर कुछ तो लोग कहेंगे ,लोगों का काम है कहना |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh