मेरी अभिव्यक्ति
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तोरे नैना मोरे नैना
जागें सारी सारी रैना ||
होठों की पंखुड़ियों से
तुझे आज सजाऊँ सारी रैना ||
तोरे नैना मोरे नैना
जागें सारी सारी रैना ||
आँखों से झरता मोती का झरना
शुर्ख गुलाबी गाल पे टपके ||
शर्बत घुलती सारी रैना
मुझे आज पिला दे सारी रैना ||
तोरे नैना मोरे नैना
जागें सारी सारी रैना ||
रसमलाई सी होठो में पिघली
मीठी मीठी सारी रैना ||
रोम रोम रोमांचित है
व्याकुल पाती खोती रैना ||
तोरे नैना मोरे नैना
जागें सारी सारी रैना ||
तोरे अंदर मैं घुल जाऊं
मोरे अंदर तू घुल जाए ||
रह रह कर मन बहकाती रैना
गीत मिलन के गाती रैना ||
तोरे नैना मोरे नैना
जागें सारी सारी रैना ||
विनय राज मिश्र ‘कविराज’
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