मेरी अभिव्यक्ति
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मेरी नजर में नया साल ……
आप सभी को नववर्ष की नेकानेक हार्दिक शुभकामनाएं …….
नया साल सोनजुही की लता में खेलता हुवा सा गिल्लू है , जिसका जीवन मात्र एक साल का है …
यद्यपि ये गिल्लू किसी की उँगलियों को चूमता है तो कभी बालों में सरपट दौड़ भाग करता है ,
किसी को हंसने की अनगिन रूबाईयाँ , अनगिन सिहरन दे जाता है तो किसी को अतीत के धागों में उलझा कर आँखे नम कर जाता है …||
गिल्लू अपनी चमकती नीली आँखों से जाता हुवा मुझे निहार रहा है और मैं हूँ कि आने वाले कल के लिए स्वागत थाल सजाये बैठा हूँ …खैर अपना-अपना चलन , अपना-अपना रिवाज, अपना अपना दर्शन (दर्शन शास्त्र ) है ..!!
और चलता रहता है ये सिलसिला उसी लय, उसी गति से | एक-एक दिन जीता है, एक-एक दिन मरता है !!
साभार
विनय राज मिश्र ‘कविराज’
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