भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली। शाह पहली बार राज्यसभा सदस्य बने हैं। अमित शाह के राज्यसभा सदस्य बनने के मायने लोग अपने-अपने हिसाब से निकाल रहे हैं। कोई उन्हें रक्षा मंत्री बनाए जाने के कयास लगा रहा है, तो कोई कुछ और ही बता रहा है। शाह आज देश की राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण चेहरों में से एक हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि वे आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचने में उन्हें किन-किन रास्तों से गुजरना पड़ा है। देश की राजनीति में हर स्तर पर दखल का माद्दा रखने वाले शाह कभी जेल भी जा चुके हैं। आइये जानते हैं शाह की जिंदगी से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें।
1 – शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में एक व्यापारी के घर हुआ था। वे गुजरात के एक रईस परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका गाँव पाटण जिले के चँन्दूर में है। मेहसाणा में शुरुआती पढ़ाई के बाद बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए वे अहमदाबाद आए, जहां से उन्होंने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी की। राजनीति में आने से पहले वे मनसा में प्लास्टिक की पाइप का पारिवारिक बिजनेस संभालते थे। शाह बहुत कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे।
2 – 1982 में कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाक़ात नरेंद्र मोदी से हुई। 1983 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और इस तरह उनका राजनीतिक रुझान बना।
3 – 1986 में अमित शाह भाजपा में शामिल हुए। 1987 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक मौका मिला 1991 में, जब लालकृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला।
4 – दूसरा मौका 1996 में मिला, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया। इस चुनाव में भी उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला।
5 – पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की। 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए। 2009 में वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने।
6 – 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 2003 से 2010 तक उन्होंने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृहमंत्रालय का जिम्मा संभाला।
7 – 2012 में नारनुपरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उनके विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने तीन बार सरखेज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे गुजरात के सरखेज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार क्रमश: 1997 (उपचुनाव), 1998, 2002 और 2007 से विधायक रहे हैं।
8 – शाह तब सुर्खियों में आए जब 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कथित रूप से एक फर्जी मुठभेड़ में 19 वर्षीय इशरत जहां, ज़ीशान जोहर और अमजद अली राणा के साथ प्रणेश की हत्या हुई थी। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि 2002 में गोधरा के बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए ये लोग गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए थे। इस मामले में गोपीनाथ पिल्लई ने अदालत में आवेदन देकर अमित शाह को भी आरोपी बनाने की अपील की थी। हालांकि 15 मई 2014 को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने शाह के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण इस याचिका को ख़ारिज कर दिया।
9 – एक समय ऐसा भी आया जब सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी मुठभेड़ मामले में उन्हें 25 जुलाई 2010 को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। शाह पर आरोपों का सबसे बड़ा हमला खुद उनके बेहद खास रहे गुजरात पुलिस के निलंबित अधिकारी डीजी बंजारा ने किया।
10 – 16वीं लोकसभा चुनाव के लगभग 10 माह पूर्व शाह 12 जून 2013 को भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी बनाए गए। लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपार सफलता के बाद अमित शाह का कद पार्टी के भीतर इतना बढ़ा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।
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