उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नोएडा आना पिछलों दिनों सुर्खियों में रहा। योगी आदित्यनाथ ने नोएडा पहुंचकर पिछले 29 वर्षों से चले आ रहे अंधविश्वास को तोड़ा। अब योगी की राह पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चलने वाले हैं। वे भी इसी तरह का अंधविश्वास तोड़ने जा रहे हैं। शिवराज ने घोषणा की है कि वे मध्यप्रदेश के अशोक नगर जाएंगे, जहां जाने से राज्य के अब तक के मुख्यमंत्री कतराते रहे हैं।
यात्रा के दौरान की घोषणा
शिवराज सिंह ने मंगलवार को अशोक नगर जिले के पिपराई कस्बे की यात्रा के दौरान घोषणा की कि वे अंधविश्वासी नहीं हैं और जल्द ही यात्रा कर अशोक नगर से जुड़े मिथक को तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं किसी गलतफहमी में विश्वास नहीं करता हूं और मैं अंधविश्वासी नहीं हूं। मैं इस मिथक को जल्द ही तोडूंगा और निश्चित रूप से अशोक नगर की यात्रा करूंगा। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि अपने कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश का जो भी मुख्यमंत्री अशोक नगर जिला मुख्यालय की यात्रा करता है, उसे कुर्सी छोड़नी पड़ती है। राज्य के कई ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें अशोक नगर जिला मुख्यालय की यात्रा के बाद पद छोड़ना पड़ा। इससे इस अंधविश्वास को बढ़ावा मिला।
अभी तक शिवराज भी आने से बचते रहे
बताया जाता है कि इससे पहले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारका प्रसाद मिश्रा, सुंदरलाल पटवा, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, उमा भारती, बाबूलाल गौर और लालू प्रसाद यादव (बिहार का मुख्यमंत्री रहने के दौरान) भी इस अंधविश्वास के कथित रूप से शिकार बने। इस तरह की मान्यता के कारण दूसरे मुख्यमंत्रियों ने अशोक नगर जिला मुख्यालय की यात्रा करने से परहेज किया। यहां तक कि पिछले 12 साल के कार्यकाल के दौरान शिवराज सिंह चौहान भी अशोक नगर जिला मुख्यालय नहीं गए। हालांकि, उन्होंने अब ऐसा करने की घोषणा की है।
नोएडा में मेट्रो के उद्घाटन समारोह में पहुंचे योगी
गौरतलब है कि पिछले दिनों मेट्रो के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए योगी आदित्यनाथ नोएडा पहुंचे। इसी के साथ उन्होंने उस मिथक को तोड़ दिया, जिसमें यह कहा जाता था कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा जाता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। योगी के इस कदम की प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी ने भी प्रशंसा की थी। योगी के बाद अब शिवराज भी अशोक नगर से जुडे अंधविश्वास को तोड़ने जा रहे हैं…Next
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