उत्तर कोरिया की बढ़ती हिमाकत और विश्व युद्ध को निमंत्रण देने की मंशाओं पर लगाम लगाना मुश्किल होता जा रहा है. एक ओर जहां उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण के लिए खुद को तैयार किए हुए है और शायद किसी सही समय के इंतजार में है वहीं दूसरी ओर अगर उसने यह परीक्षण किया तो अमेरिका समेत अन्य देश उस पर हमला करने के लिए तैयार हैं.
अमेरिकी के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जॉन केरी का कहना है जिस मिसाइल परीक्षण की उत्तर कोरिया बात कर रहा है अगर ऐसा होता है तो वह उत्तर कोरिया की एक बहुत ही खतरनाक भूल हो सकती है. उसका यह कृत्य अन्य देशों को भड़काने का प्रयास है जिसका खामियाजा भारी पड़ सकता है.
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए जॉन केरी का कहना था कि उत्तर कोरिया द्वारा दो मिसाइलें पूर्वी तट पर तैनात कर दी गई हैं जिसके बाद दक्षिण कोरिया को अलर्ट कर दिया गया है. केरी का कहना है कि अमेरिका अपने नागरिकों और अपने सहयोगियों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी में छपी रिपोर्ट को एक चेतावनी के तौर पर लिया जा रहा है कि नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योयांग में एक ऐसी तकनीक का विकास किया जा रहा है जिसकी सहायता से मिसाइल के जरिए परमाणु युद्ध को अंजाम दिया जा सके.
उल्लेखनीय है कि ऐसी संभावनाएं बहुत तीव्र हैं कि शायद अपने संस्थापक के जन्मदिवस यानि 15 अप्रैल के दिन ही उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण किया जा सकता है. जॉन केरी का कहना है उत्तर कोरिया ने दो मुसुदान बैलिस्टिक मिसाइल अपने पूर्वी तट पर तैनात कर दी हैं. इन दोनों मिसाइलों की रेंज में तो भिन्नता है लेकिन माना जा रहा है कि यह 4,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्थान को निशाना बना सकती हैं.
जॉन केरी का कहना था कि अगर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने यह तय कर ही लिया है कि वह इस मिसाइल का परीक्षण करेंगे ही तो वह जानबूझकर समग्र अंतराष्ट्रीय समुदाय को नजरअंदाज कर रहे हैं. उनका यह कृत्य दुनियां के अन्य ताकतवर देशों को भड़काने वाला साबित हो सकता है.
केरी का यह भी कहना है कि उत्तर कोरिया के लोगों को मिसाइल परीक्षण या परमाणु युद्ध नहीं बल्कि खाना और आम जीवन चाहिए. उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण करना उसे दुनिया से अलग कर देगा और उसकी सहायता करने वाला कोई नहीं होगा.
केरी के अनुसार यह तथ्य सभी को पता होना चाहिए कि चीन से ज्यादा उत्तर कोरिया की नजदीकी और किसी भी देश से नहीं है इसीलिए इस मसले पर चीन से बात करना भी बेहद जरूरी है. उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिन पहले चीनी सरकार ने एक मॉक ड्रिल के जरिए सिविलियन इमरजेंसी ड्रिल करवाकर नागरिकों को आपातकाल के हालातों से निपटने का तरीका सिखाया.
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा तो यह पहले ही कहा दिया गया है कि फरवरी 2013 में किए गए तीसरे मिसाइल परीक्षण के बाद ही उत्तर कोरिया ने युद्ध के हालातों को जन्म दे दिया था. ऐसे हालातों में जाहिर है यह चौथा मिसाइल परीक्षण उत्तर कोरिया समेत पूरी दुनिया के लिए घातक साबित हो सकता है.
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