Menu
blogid : 321 postid : 1389275

राज्यसभा चुनाव में सीएम योगी की इस तरह मदद कर रहे भाजपा के ‘चाणक्य’

उत्‍तर प्रदेश की 10 राज्‍यसभा सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया है। इनमें 8 सीटों पर भाजपा और एक पर सपा की जीत तय है। वहीं, 10वीं सीट के लिए भाजपा की ओर से उम्‍मीदवार उतारे जाने की वजह से पेच फंस गया है। भाजपा ने अपना 9वां उम्मीदवार जिताने के लिए बड़ा दांव चलते हुए विपक्षी खेमे में सेंध लगा दी है। इसके बाद बसपा के विधायक अनिल सिंह ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। भाजपा हाईकमान मामले पर पूरी नजर गड़ाए हुए है। भाजपा के चाणक्‍य कहे जाने वाले पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह इस चुनाव में सीएम योगी आदित्‍यनाथ की अलग तरीके से मदद कर रहे हैं। आइये आपको विस्‍तार से इस बारे में बताते हैं।

 

 

सिपहसालारों को मैदान में उतारा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व ने राज्‍यसभा चुनाव की निर्णायक जंग में जीत हासिल करने के लिए अपने सिपहसालारों को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मदद के लिए मैदान में उतारा है। योगी आदित्‍यनाथ ने पिछले तीन दिनों में अपने मंत्रियों और एनडीए के विधायकों के साथ 3 अहम बैठकें की हैं। खबरों की मानें, तो विपक्षी विधायकों को भी अपने पाले में लाने के लिए रणनीति बनी। इस निर्णायक जंग में जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा नेतृत्‍व ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और बिहार के प्रभारी नागेंद्र नाथ को लखनऊ भेजा। बता दें कि भाजपा नेतृत्‍व ने पर्याप्‍त संख्‍याबल नहीं होने के बावजूद अपने नौवें उम्‍मीदवार अनिल अग्रवाल को टिकट दिया है।

 

 

सपा-बसपा गठबंधन को झटका देने पर नजर

सियासी पंडितों की मानें, तो भाजपा की नजर राज्‍यसभा चुनाव में 9वें उम्‍मीदवार को जिताकर लोकसभा उपचुनाव में हुई हार का बदला लेने और सपा-बसपा गठबंधन को झटका देने की है। भाजपा के अनिल अग्रवाल के मुकाबले बसपा ने भीमराव आंबेडकर को टिकट दिया है। बसपा के पास 19 विधायक हैं और उसे सपा, कांग्रेस, आरएलडी व दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। वहीं, हरिओम यादव को वोटिंग की अनुमति न मिलने और नितिन अग्रवाल के पाला बदलने के बाद सपा के पास 45 विधायक बचे हैं। मुख्तार अंसारी के जेल में होने व अनिल सिंह के भाजपा के पाले में जाने से बसपा विधायकों की संख्या 17 रह गई है।

 

 

दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती में भाजपा के भारी पड़ने के आसार

विपक्ष ने कांग्रेस के 7, 2 निर्दलीय और आरएलडी के एक विधायक के समर्थन का दावा किया है। इस हिसाब से विपक्ष के दो उम्मीदवारों के लिए कुल 72 वोट हैं। जीतने के लिए 36.55 (37) वोट चाहिए। ऐसे में एक प्रत्याशी के पास 35 वोट ही बचेंगे। वहीं, बीजेपी के पास गठबंधन सहित 28 अतिरिक्त वोट हैं। दो वोट बागियों के, एक निर्दलीय और निषाद पार्टी का एक वोट मिलाकर संख्या 32 पहुंचती है। ऐसे में कोटा पूरा करने के लिए दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती होगी, जिसमें भाजपा के भारी पड़ने के आसार हैं। पिछले साल नगर निकाय चुनाव में जीत दर्जकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने अपनी विजयी छवि बनाई थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद उनकी इस छवि को झटका लगा। इस छवि को वापस पाने के लिए योगी अपने 9वें उम्‍मीदवार को जिताने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। इस काम में उनकी मदद केंद्रीय नेतृत्‍व की ओर से भेजे गए नेता कर रहे हैं…Next

 

Read More:

मायावती ने अखिलेश के सामने रखी ऐसी मांग, जया बच्‍चन के लिए हो सकती है मुश्किल

राज्‍यसभा में रेखा की सीट पर अक्षय कुमार समेत इन सितारों के बीच रेस!

जब उस्‍ताद बिस्मिल्‍लाह खां को ‘बाबा’ ने दिया दर्शन, मंदिर में कर रहे थे रियाज

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh