Menu
blogid : 321 postid : 921

Anna Hazare Vs Arvind Kejriwal: अस्तित्व की लड़ाई है या छले जाने का एहसास ?

एक बेहद चौंकाने वाली खबर आई है और ये ऐसी खबर है शायद जिसका अंदाजा कइयों को पहले से था. खबर है कि अन्ना हज़ारे ने केजरीवाल से कहा है कि वह उनका नाम और तस्वीरें अपने किसी आंदोलन या मकसद के लिए ना इस्तेमाल करें. अन्ना कहते हैं कि “कुछ लोगों को लगता है कि पार्टी बनाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है लेकिन मैं पहले से कहता रहा हूं कि चुनाव नहीं लड़ूंगा और उन्हें मेरी शुभकामनाएं रहेंगी.” अन्ना ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा कराए गए जनमत सर्वेक्षण को भी खारिज कर दिया और कहा, ‘मुझे फेसबुक, इंटरनेट के माध्यम से कराए गए सर्वेक्षण पर भरोसा नहीं है’ इंडिया अगेंस्ट करप्शन केसर्वे में 76 फीसदी लोगों ने राजनीतिक दल बनाने के पक्ष में राय दी है. सातलाख से अधिक लोगों के बीच एसएमएस, ईमेल और व्यक्तिगत रूप से मिलकर सर्वेकिया गया था.


anna hazare and arvindयह वो खबर है जो साफ कर देती है कि अन्ना हजारे और केजरीवाल के रास्ते अलग-अलग हो चुके है. अब सवाल यह है कि क्या सिर्फ भ्रष्टाचार की लड़ाई एक राजनीतिक दल बनाने तक सीमित थी या फिर अन्ना के नाम का प्रयोग करके राजनीति की गई थी.


राजनीतिक दल बनाने या ना बनाने से ज्यादा जरूरी तर्क-वितर्क यह है कि भ्रष्टाचार से लड़ने की उस शुरुआत का क्या हुआ जिसे बड़े जोर-शोर से शुरू किया गया था. हालांकि यह सच है कि राजनीति में उतरे बिना राजनीति को साफ नहीं किया जा सकता पर उससे बड़ा सच यह है कि आप जिस तरीके से एक आंदोलन की शुरुआत करते हैं आपको उसी फैसले पर स्थिर रहते हुए आगे की लड़ाई लड़नी होती है क्योंकि रास्ते बदलने से बहुत बार मंजिल तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.


Read:अन्ना हजारे : ब्लॉग पर लिखी बातें या इंडिया अगेंस्ट करप्शन सर्वे


अन्ना हजारे जिनकी बातों से कल तक सिर्फ दो रास्ते हो जाने की बात का संदेह होता था वो आज यकीन में बदल गया है और इस घटना के बाद केजरीवाल और किरण बेदी की टिप्पणी जन लोकपाल बिल को सवालों के घेरे में खड़ा कर देती है. केजरीवाल ने ट्वीट किया कि देश बिक रहा है, वह बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है. मैं अपने देश को बचाने के लिए जो भी संभव होगा करूंगा.इसके बाद फिर राजनीतिक पार्टी के गठन की विरोधी किरण बेदी ने ट्वीट किया, ‘अन्ना ने आखिरकार खुद को राजनीतिक विकल्प से दूर कर लिया. अब यह दो टिप्पणियां इस बात को साफ जाहिर करती हैं कि अन्ना हजारे की टीम भी अब राजनीति के खेल से दूर नहीं है. शुरुआत तो बहुत संयोगपूर्ण थी पर अब एक-दूसरे पर टिप्पणी कसने का खेल भी अन्ना हजारे की टीम में नजर आ रहा है.


अन्ना ने कहा कि ‘अगर जनलोकपाल विधेयक नहीं आया तो वह प्राण त्याग देंगे’पर अब अन्ना को सोचना होगा क्या वो जनलोकपाल विधेयक को लाने की लड़ाई में एकला चलने वाले हैं या फिर एक नई टीम बनाई जाएगी जो केजरीवाल की राजनीतिक पार्टी से दूरी रखते हुए जनलोकपाल की लड़ाई को जारी रखेगी.


Read: ममता दीदी के तेवर: यूपीए में हलचल


Please post your comments on: आपको क्या लगता है कि क्या अब अन्ना हजारे और केजरीवाल के रास्ते अलग- अलग है ?


Tags: Anna Hazare and Arvind Kejriwal, Anna Hazare Latest News, Anna Hazare Latest News In Hindi, Anna Hazare and his team, Anna Hazare and his movement, Anna Hazare and his anti-corruption movement, Anna Hazare and politics, Anna Hazare and indian politics, Arvind Kejriwal and Kiran Bedi, Arvind Kejriwal political party, Arvind Kejriwal News, Arvind Kejriwal politics, Jan Lokpal Bill

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh