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सिर्फ दो ​छुट्टियां लेने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की इन 5 किताबों में छिपा है जिंदगी का फलसफा

 

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan27 Jul, 2020

 

पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे कलाम अपने काम को लेकर बेहद संजीदा रहते थे। वह कहते थे कि अपने काम से प्यार करना देश से प्यार करने के बराबर है। कहा जाता है कि यही वजह रही कि उन्होंने अपने करियर में सिर्फ दो छुट्टियां लीं। वह तबियत खराब होने पर भी दफ्तर जाया करते थे। डॉक्टर कलाम ने कई ऐसी किताबें लिखीं जो दुनियाभर में पापुलर हुईं, लेकिन उनकी 5 ऐसी किताबें हैं जिनमें पड़ने वाले को जिंदगी का सही रास्ता या मकसद मिलने की बात कही जाती है।

 

 

Image Courtesy : PTI

 

 

देश को मिसाइल से लेकर परमाणु शक्ति दी
देश के 11वें राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के सबसे बड़े साइंटिस्ट भी रहे। उन्होंने देश को बैलिस्टिक मिसाइल और लांच वेपन समेत कई मिसाइलें दीं। इसीलिए उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है। भारत का पहला पोखरण परमाणु परीक्षण भी उनकी देखरेख में किया गया। शिक्षा और साइंस के क्षेत्र में अभूपूर्व कार्य करने वाले डॉक्टर अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। अब्दुल कलाम का बचपन काफी मुश्किलों में गुजरा, लेकिन वह शिक्षा हासिल करने में पीछे नहीं रहे। यही वजह रही कि वह आगे चलकर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे।

 

 

 

काम करते हुए दुनिया को अलविदा कहा
एपीजे अब्दुल कलाम अपने काम को लेकर बेहद गंभीर रहते थे। कहा जाता है कि उन्होंने अपने करियर में सिर्फ दो बार छुट्टी ली। एक छुट्टी उन्होंने अपनी मां के इंतकाल पर ली और दूसरी अपने पिता के गुजरने पर ली थी। वह अपनी तबियत खराब होने पर भी काम पर जाया करते थे। अपने निधन के वक्त भी एपीजे अब्दुल कलाम काम कर रहे थे। दुनिया को अलविदा कहने से पहले वह आईआईएम शिलांग में लेक्चर दे रहे थे। तभी उनको दिल का दौरा पड़ने से ​निधन हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें अपनी बायोग्राफी विंग्स आफ फायर में लिखी हुई हैं।

 

 

Image Courtesy : PTI

 

 

काम को प्यार करो, कंपनी को नहीं
काम को लेकर उनके कई विचार लोगों के दिमाग में बस चुके हैं। वह कहा करते थे कि दफ्तर हमेशा समय से छोड़ नहीं तो आपकी सामाजिक जिंदगी खत्म हो जाएगी। वह मानते थे कि अपने काम से प्यार करने का मतलब है अपने देश से प्यार करना। वह हमेशा कहते थे कि अपने काम को प्यार करो, अपनी कंपनी को नहीं, क्योंकि आप नहीं जानते कि कंपनी आपको कब प्यार करना बंद कर दे।

 

 

 

34 किताबें लिखीं, 5 में छिपा जीवन का अर्थ
एपीजे अब्दुल कलाम ने पठन पाठन से कभी मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने विभिन्न विषयों पर करीब 34 किताबें लिखी हैं। यूं तो इन सभी किताबों को दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल हुई लेकिन 5 किताबों को खासकर लोगों ने पसंद किया। ऐसा कहा जाता है कि अगर उनकी इन पांच किताबों को पढ़ लिया जाए तो जीवन का सही अर्थ पता चल जाएगा और व्यक्ति को उसका मकसद समझ आ जाएगा। इन पांच किताबों में उनकी आटोबायोग्राफी विंग्स आफ फायर (Wings Of Fire), इग्नीटेड माइंड (ignited minds), इंडोमाइटेबल स्प्रिट (indomitable spirit), टर्निंग प्वाइंट (turning point) और इंडिया 2020 (india 2020) शामिल हैं।

 

 

Image Courtesy : AFP

 

 

भारत रत्न समेत दर्जनों विश्वविख्यात अवॉर्ड
एपीजे अब्दुल कलाम विज्ञान की दुनिया में बड़ी महारत हासिल करने वाले शख्स थे। उन्हें दुनियाभर से उपाधियां और सम्मान हासिल हुए। एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया की चुनिंदा 40 यूनिवर्सिटी ने हॉनररी डॉक्ट्रेट की उपाधि प्रदान की। विज्ञान, शोध और सुरक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य के लिए भारत सरकार ने एपीजे अब्दुल कलाम को सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री, पद्मभूषण और भारत रत्न से सम्मानित किया। 27 जुलाई 2015 को एपीजे अब्दुल कलाम ने शिलांग में लेक्चर देते हुए इस दुनिया को अलविदा कह दिया।…NEXT

 

 

 

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