बाल ठाकरे एक ऐसा नाम जिनके बारे में आपको हर बार कुछ ऐसे किस्से सुनने को मिलेंग़े, जिसे बहुत कम लोग जानते होंगे। महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी का गठन करने वाले बाल ठाकरे ने अपनी पहचान एक कद्दावर नेता की बनाई थी। दुनिया को इस शख्सियत की कहानी से रूबरू कराने के लिए बाल ठाकरे की बॉयोपिक भी जल्द ही रिलीज होने वाली है। ऐसे में उनकी जिंदगी के कई पहलू हमारे सामने होंगे। बहरहाल, आज बाल ठाकरे का जन्मदिन है। शिवसेना के लिए आज का दिन किसी उत्सव से कम नहीं होगा। बेशक, उनके नेता उनके बीच नहीं है लेकिन फिर भी बाल ठाकरे का नाम शिवसेना के कई नेताओं द्वारा आज भी लिया जाता है। नेता होने के साथ ठाकरे के रिश्ते मायानगरी की कई शख्सियत से थे। जिसके चलते उनका नाम विवादों से भी जुड़ा। एक नजर उन किस्सों पर।
काटूनिस्ट के तौर पर की थी कॅरियर की शुरुआत
बतौर कार्टूनिस्ट अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। वह मशहूर कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण ने एक साथ भी काम कर चुके हैं। साल 1960 में बाल ठाकरे ने कार्टूनिस्ट पद की नौकरी छोड़ देने के बाद उन्होंने साल 1966 में पार्टी शिवसेना का गठन किया। साथ ही अपना राजनीतिक साप्ता हिक अखबार ‘मार्मिक’ भी निकाला।
दिलीप कुमार से दोस्ती और तकरार
बाल ठाकरे की दिलीप कुमार संग दोस्ती जगजाहिर है। ठाकरे के घर पर शाम की बैठकें होती थीं। दोनों घंटों एक-दूसरे से बात किया करते थे। इसमें ज्यादातर दिलीप कुमार, सुनील दत्त और जितेंद्र शामिल होते थे। ठाकरे दिलीप कुमार के बड़े प्रशसंक थे। दोनों में काफी बनती थी। ठाकरे का निधन दिलीप कुमार के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं था। लेकिन इस दोस्ती में मनमुटाव भी हुआ था। दरअसल, जब दिलीप कुमार को पाकिस्तान ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज पुरस्कार दिया तो ठाकरे ने एक्टर से इसे वापस लौटाने को कहा था।
ठाकरे को नाराज करने से डरती थी फिल्मी हस्तियां
मुंबई की सियासत में अहम रोल निभाने वाले बाल ठाकरे ने कई बॉलीवुड सेलेब्स की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया था। उन्होंने संजय दत्त, सलमान खान, रीना रॉय की हर संभव मदद की। जिस दौरान संजय दत्त टाडा के आरोप में जेल गए और कांग्रेस ने सुनील दत्त की मदद नहीं की। तब बाला साहब ठाकरे ने खुलकर सुनील दत्त का सपोर्ट किया था। संजय दत्त ठाकरे को पिता समान मानते हैं। साथ ही लता मंगेश्कर भी ठाकरे को पिता समान दर्जा देती थीं। अमिताभ ने ठाकरे के साथ अपनी नजदीकी एक इंटरव्यू में बयां की थी। अमिताभ ने कहा था “कुली फिल्म के दौरान मैं बुरी तरह घायल हो गया था। उस दिन मौसम भी शायद मेरे खिलाफ था। तेज बारिश हो रही थी ऐसे में एम्बुलेंस का पहुंचना बहुत मुश्किल था। उस हालात में बाला साहेब ने मेरे लिए एम्बुलेंस का इंतजाम कराया और मुश्किल वक्त में मेरे साथ खड़े रहे।”
विवादों से भी जुड़ा नाम
वोट डालने पर सियासत
नफरत और डर की राजनीति करने के कारण चुनाव आयोग ने बाल ठाकरे के वोट डालने और चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। चुनाव आयोग ने 28 जुलाई 1999 को बाल ठाकरे पर चुनाव आयोग की सिफारिश पर 6 साल के लिए वोट डालने और चुनाव लड़ने का बैन लगा दिया गया था। हालांकि 2005 में उन पर से 6 साल तक लगे बैन को हटा लिया गया और उन्हों ने इसके बाद पहली बार 2006 में बीएमसी चुनाव के लिए वोट डाला।
बाबरी मस्जिद विध्वंस पर विवादित बयान
1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद बाल ठाकरे के आह्वान पर शिवसैनिकों ने खुले आम उत्पात मचाया था। इस पर ठाकरे ने कहा था कि शिवसैनिकों ने जो किया वो सही था। हालांकि साल 1998 में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि हमें मुसलमानों को भी अपना ही हिस्सा मानना चाहिए और सही से व्यवहार करना चाहिए। लेकिन 2008 में उनका नजरिया एक बार फिर बदल गया और उन्होंने कहा कि मुसलिम आतंकवाद तेजी से बढ़ रहा है और इससे निपटने का तरीका सिर्फ हिंदू आतंकवाद ही है।
गिरफ्तारी के बाद युद्ध के लिए उकसाने का आरोप
बाबरी विध्वंस के बाद बाल ठाकरे ने बेलगाम होकर मुसलमानों के खिलाफ भाषण दिए। उन पर भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया गया तो 1993 में उन्होंने कहा कि अगर मुझे गिरफ्तार किया गया तो पूरा देश उठ खड़ा होगा। ठाकरे ने तो यह तक कह दिया कि अगर मेरी वजह से देश में युद्ध होता है तो इसे होने दिया जाए। 1993 दंगों के दौरान मुसलमानों पर हमले करने के लिए लोगों को उकसाने के लिए सामना में लिखे गए लेखों के लिए ठाकरे को 25 जुलाई 2000 को गिरफ्तार किया गया था।
सचिन को जुबान बंद रखने की चेतावनी
नवंबर 2009 क्रिकेट के भगवान सचिन तेंडुलकर को बाल ठाकरे के गुस्सा का शिकार बनना पड़ा। बाल ठाकरे ने सचिन को चेतावनी देते हुए कहा कि वो खुद को क्रिकेट के मैदान तक ही सीमित रखें। दरअसल सचिन ने कह दिया था कि मुंबई पर सभी भारतवासियों का बराबर हक है। ठाकरे इसी पर भड़क गए और सचिन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमें क्रिकेट के मैदान में आपके छक्केल-चौक्के पसंद हैं, लेकिन आप अपनी जुबान का इस्ते माल न करें। हम इसे बर्दाश्तक नहीं करेंगे…Next
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