संजय गांधी व कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने के लिए मेनका ने एक मासिक पत्रिका सूर्या का प्रकाशन भी शुरू किया था और आज भाजपा सरकार में मंत्री हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।
1- मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त 1956 को दिल्ली में हुआ था। लारेंस स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा के बाद उन्होंने नई दिल्ली स्थित लेडी श्रीराम कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी से विवाह किया था। एक आकस्मिक दुर्घटना में संजय गांधी की मौत के बाद वे सन् 1982 में राजनीति में आयीं।
2- मेनका गांधी भारत की प्रसिद्ध राजनेता एवं पशु-अधिकारवादी हैं। पूर्व में वे पत्रकार भी रह चुकी हैं, लेकिन संजय गांधी की पत्नी के रूप में अधिक विख्यात हैं। उन्होंने कई पुस्तकों की रचना भी की है। उनके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आते रहते हैं।
3- मॉडल रहीं मेनका, संजय गांधी को पहली नजर में ही पसंद आ गई थीं। महज 17 साल की उम्र में मेनका को पहला मॉडलिंग ब्रेक मिला। बॉम्बे डाइंग के एक विज्ञापन के लिए उन्होंने शूटिंग की थी। इसी विज्ञापन में मेनका को देखते ही संजय गांधी उन्हें दिल दे बैठे थे। लोगों के बीच उस समय ये चर्चा थी कि संजय गांधी और मेनका के कजिन वीनू कपूर दोस्त हैं। वीनू की शादी की पार्टी में ही संजय और मेनका की पहली मुलाकात 1973 में हुई थी।
4- इसके बाद संजय ने मेनका से शादी की इच्छा जाहिर की। मेनका की मां को ये रिश्ता पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने मेनका को उनकी दादी के घर भेज दिया गया। जुलाई, 1974 में मेनका वापस घर लौटीं और एक महीने बाद संजय से उनकी सगाई हो गई।
5- सिर्फ एक साल में ही संजय और मेनका की लव स्टोरी शादी में बदल गई। संजय गांधी ने 23 सितंबर, 1974 में 18 साल की मेनका से शादी कर ली। शादी के बाद मेनका अक्सर संजय के साथ दौरों पर जाती थीं। संजय और कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने के लिए मेनका ने एक मासिक पत्रिका सूर्या का प्रकाशन भी शुरू किया था।
6- शादी के वक्त संजय, मेनका से उम्र में 10 साल बड़े थे। खबरों के अनुसार, संजय से शादी के बाद मेनका के बॉम्बे डाइंग के विज्ञापन के अंश मिटा दिए गए।
7- संजय गांधी प्लेन उड़ाने के शौकीन थे और यही उनकी मौत का कारण भी बना। 23 जून, 1980 को दिल्ली में विमान हादसे में सिर में आई चोटों के कारण उनकी मौत हो गई। कहा जाता है कि संजय की मौत की खबर कई घंटों बाद मेनका को दी गई।
8- संजय गांधी की मौत के वक्त वरुण गांधी (संजय-मेनका गांधी के बेटे) मात्र 3 महीने के थे। संजय की मौत के बाद इंदिरा और मेनका में विवाद हुआ और 1981 में मेनका हमेशा के लिए वो घर और संपत्ति छोड़कर चली गईं।
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