देश के सबसे युवा राष्ट्रपति होने का गौरव नीलम संजीव रेड्डी के नाम दर्ज है। कांग्रेस के बड़े लीडर रहे नीलम संजीव रेड्डी जब पहली बार 1969 में राष्ट्रपति पद पर नामित हुए तो कांग्रेस की शीर्ष लीडरशिप में मतभेद खुलकर सामने आ गए और देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस दो भागों में बंट गई थी। 19 मई को नीलम संजीव रेड्डी की जयंती है। इस मौके पर जानते हैं उनके जीवन के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।
सबसे युवा सीएम का दर्जा मिला
नीलम संजीव रेड्डी का राजनीतिक सफर काफी रोमांचक रहा है। वह आंध्र प्रदेश के सामान्य परिवार में जन्मे थे। संजीव रेड्डी आंध्र प्रदेश में कुमारस्वामी राजा की सरकार में मंत्री बनाए गए। संजीव रेड्डी 1956 में गठित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री चुने गए। उस वक्त संजीव की उम्र मात्र 43 साल थी और वह देश के सबसे युवा सीएम कहलाए।
कांग्रेस में उभरने लगे मतभेद
केंद्र सरकार में कई बार मंत्री बने संजीव रेड्डी 1967 में लोकसभा के स्पीकर चुने गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 1969 में
इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। अचानक राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति पद खाली हो गया। इस बीच कांग्रेस संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के लिए इंदिरा गांधी ने बाबू जगजीवन राम को नामित किया तो बाकी नेताओं ने नीलम संजीव रेड्डी का नाम आगे कर दिया। बस यहीं से मतभेद शुरू हो गए।
वीवी गिरी ने नहीं बनने दिया राष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 1969 में राष्ट्रपति पद के दौरान हुए घटनाक्रम को एक इंटरव्यू में बताया है। उनके अनुसार राष्ट्रीय कार्यसमिति के नेताओं के 10 वोटों में से 6 वोट नीलम संजीव रेड्डी पाकर कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष बने। इसके साथ ही वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी हो गए। इस पर राष्ट्रपति बनने की चाह रखने वाले तत्कालीन उपराष्ट्रपति वीवी गिरी नाराज हो गए। उन्होंने निर्दलीय राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भर दिया। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वीवी गिरी का समर्थन किया। इस चुनाव में नलीम संजीव रेड्डी हार गए और वीवी गिरी राष्ट्रपति बने।
दो हिस्सों में बंट गई कांग्रेस
इस चुनाव में कांग्रेस नेताओं के मतभेद उजागर हो गए और कांग्रेस नेताओं ने इंदिरा गांधी को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस तरह कांग्रेस पार्टी दो हिस्सों कांग्रेस ओ और कांग्रेस आर में बंट गई। कांग्रेस के ज्यादातर नेता कांग्रेस ओ के साथ रहे। इसमें दिग्गज नेता के कामराज, नीलम संजीव रेड्डी, मोरार जी देसाई, अतुल्य घोष जैसे लीडर थे। जबकि कांग्रेस आर का नेतृत्व इंदिरा गांधी ने किया। 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस आर ने 518 में से 352 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।
सबसे कम उम्र के 6ठे राष्ट्रपति बने
1975 में नीलम संजीव रेड्डी जय प्रकाश नारायण के मनाने पर राजनीति में लौटै और 6ठे लोकसभा चुनाव में भारी अंतर से जीत हासिल की। इसके बाद 1977 में संजीव रेड्डी लोकसभा के स्पीकर नियुक्त किए गए। इसके दो साल बाद ही उन्हें सर्वसम्मति से निर्विरोध राष्ट्रपति चुन लिया गया। संजीव 64 बरस की उम्र में देश के 6ठे राष्ट्रपति चुने गए। सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति होने का गौरव भी संजीव रेड्डी को हासिल हुआ।…NEXT
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