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…तो राजस्‍थान में इन 4 कारणों से हुई भाजपा की हार! जानें क्‍या कहते हैं जानकार

देश में इन दिनों बजट के बाद अगर कोई खबर सुर्खियों में है, तो वो है राजस्‍थान उपचुनाव में भाजपा की हार। यहां लोकसभा की 2 और विधानसभा की एक सीट पर उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। खास बात यह है कि ये तीनों सीटें भाजपा के पास थीं। अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के डॉ. करण सिंह यादव ने भाजपा प्रत्याशी जसवंत सिंह यादव और अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रघु शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के राम स्वरूप लांबा को हराया। वहीं, मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस प्रत्‍याश्‍ाी को जीत मिली। राजस्‍थान में भाजपा की हार को लेकर सियासी पंडित विश्‍लेषण में जुटे हैं। हाल के दिनों में राजस्‍थान में हुई कुछ प्रमुख घटनाओं को ही भाजपा की हार से जोड़कर देखा जा रहा है। आइये आपको उन चार कारणों के बारे में बताते हैं, जिसे भाजपा की हार का जिम्‍मेदार माना जा रहा है।


sachin pilot


‘पद्मावत’ और राजपूत


Padmavati


राजस्‍थान उपचुनाव में भाजपा की हार का बड़ा कारण ‘पद्मावत’ विवाद को माना जा रहा है। राजपूत समाज के लोगों ने फिल्म ‘पद्मावत’ का पूरे देश में विरोध किया था। जानकारों की मानें, तो राजपूत समाज के लोग भाजपा के पारंपरिक वोटर रहे हैं, लेकिन इस समाज के लोगों की लाख कोशिशों के बावजूद वसुंधरा राजे सरकार ने शुरुआत में इस फिल्म पर पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, बाद में यहां ‘पद्मावत’ बैन कर दी गई, लेकिन शायद तब तक काफी देर हो चुकी थी। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस जोर-शोर से कहती रही कि भाजपा के केंद्र में होने के बाद भी सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘पद्मावत’ को पास कर दिया। कांग्रेस यह भी कहती नजर आई कि भाजपा गैर-राजपूतों को तवज्जो नहीं दे रही है। इस मामले को भुनाने में कांग्रेस सफल रही और परिणाम उसके पक्ष में आए।


अजमेर सीट पर राजपूतों की नाराजगी

जानकारों का मानना है कि रावण राजपूत समाज के लोग यहां निर्णायक भूमिका में हैं। कई मुद्दों पर वसुंधरा सरकार से नाराजगी के कारण उपचुनाव प्रचार के दौरान राजपूत समाज के कई बड़े नेताओं ने अजमेर में जातीय सभा करके कांग्रेस उम्‍मीदवार रघु शर्मा को समर्थन देने की घोषणा की थी।


आनंदपाल सिंह एनकाउंटर


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उपचुनाव में भाजपा की हार का एक बड़ फैक्‍टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर को भी माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि गैंगस्टर आनंदपाल सिंह अजमेर का ही रहने वाला था। उसके एनकाउंटर से अजमेर के लोग बहुत नाराज हैं। कहा जा रहा है कि लंबे समय तक प्रदर्शन और एनकाउंटर की जांच की मांग के बावजूद वसुंधरा सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे नाराज आनंदपाल सिंह के परिवारवालों ने उपचुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक रूप से रघु शर्मा को समर्थन देने का ऐलान किया।


जाट वोटों की एकजुटता

सियासी पंडितों का मानना है कि राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का इस जीत में काफी योगदान रहा। साल 2014 में सचिन अजमेर लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे। हालांकि, उस चुनाव में उन्हें बड़ी संख्‍या में जाटों के वोट मिले थे। सचिन पायलट इस बार भी जाट वोटों को एकजुट रखने में सफल साबित हुए, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस के रघु शर्मा को मिला…Next


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