कहते हैं राजनीति में जिस और हवा चलती है उस ओर पीठ कर लेकर अपने फायदे साधे जाते हैं। ऐसे में किसी भी पार्टी या नेता के लिए अपना फायदा सर्वोपरि होता है। नेता गठजोड़ या पार्टी बदल की प्रक्रिया में लगे रहते हैं, जिससे कि उनकी राजनीति चमक सके। गांधी परिवार के ऐसे ही सदस्य रहे हैं वरूण गांधी जिन्हें बीजेपी में एंट्री दिलाने के लिए कई नेताओं ने पूरी मेहनत से कोशिश की और अंत में उनकी कोशिश सफल भी हुई। आज वरूण गांधी का जन्मदिन है, तो चलिए जानते हैं कैसे हुई थी वरूण गांधी की बीजेपी में एंट्री।
ऐसे हुई थी वरूण गांधी की बीजेपी में एंट्री
वरूण उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद हैं। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक विजय त्रिवेदी ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में बताया था कि वरुण गांधी की बीजेपी में एंट्री प्रमोद महाजन के कारण हुई थी। प्रमोद महाजन ने ही अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी को इस बात के लिए राजी किया कि अगर हम गांधी परिवार के किसी सदस्य को अपने साथ लाएंगे तो हमें आसानी होगी।
इन बातों से वरूण को किया था प्रभावित
महाजन ने ही वाजपेयी को सलाह दी कि अगर गांधी परिवार का एक व्यक्ति हमारे यहां आए तो हम राहुल गांधी को टक्कर दे पाएंगे। इसके लिए प्रमोद महाजन ने वरुण गांधी को भी समझाया। जो कि एक मुश्किल काम था। उनके अनुसार, तब प्रमोद महाजन ने समझाया कि जब भी कांग्रेस में कोई आगे बढ़ेगा तो राहुल गांधी ही बढ़ेंगे तुम नहीं लेकिन बीजेपी में नंबर 1 हो सकते हो। अगर राहुल के खिलाफ खड़े होगे तो वैसे ही बड़े होगे।
अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं वरूण
वरूण गांधी के बयान अक्सर चर्चा बटोरते दिखाई देते हैं कभी वो गांधी परिवार को लेकर वंशवाद पर टिप्पणी करते हैं तो कभी वो अपनी ही पार्टी की आंतरिक गतिविधियों पर बयान देते हैं। 2017 में वरुण ने कहा था कि प्रभावशाली पिता या गॉडफादर के बिना राजनीति में जगह बनाना मुश्किल है। उन्होंने कहा, मैं आपके पास आया हूं और आप हमें सुन रहे हैं। लेकिन तथ्य यह है कि मेरे नाम में अगर गांधी नहीं होता तो मैं दो बार सांसद नहीं बनता और आप मुझे सुनने के लिए यहां नहीं आते। 2017 में वरूण को यूपी का सीएम बनाने की मांग उठी थी।…Next
Read More :
राजनीति से दूर प्रियंका गांधी से जुड़ी वो 5 बातें, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं
Read Comments