इन दिनों सियासी गलियारों में राज्यसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है। कई राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उच्च सदन में जहां भाजपा समेत एनडीए के सदस्यों की संख्या बढ़ने की संभावना है, वहीं कांग्रेस समेत यूपीए के सदस्यों की संख्या कम हो सकती। उच्च सदन में सदस्यों की संख्या कम होने से विपक्ष की धार कमजोर होने की बात कही जा रही है। सियासत के जानकारों की मानें, तो इसे देखते हुए कांग्रेस रणनीति बना रही है कि ऐसे नेताओं को राज्यसभा भेजा जाए, जो विपक्ष की आवाज बुलंद कर सकें। आइये आपको बताते हैं क्या हो सकती है कांग्रेस की रणनीति।
तेजतर्रार नेताओं को राज्यसभा भेजने की रणनीति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यसभा की 55 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर कांग्रेस रणनीति बना रही है। उसकी नजर अपनी खाली हो रही 13 सीटों पर है। बेशक इन चुनावों के बाद कांग्रेस के संख्याबल में कमी आ जाएगी, बावजूद इसके वह कोशिश में है कि जिन 10 सीटों पर उसकी वापसी की उम्मीद है, उनमें तेजतर्रार और आक्रामक नेताओं को ही राज्यसभा भेजे। सियासी पंडितों के मुताबिक, इस बार सेवानिवृत्त हो रहे कुछ चेहरों में से कांग्रेस ऐसे लोगों को फिर से मौका देना चाहती है, जो मुखर हों और पार्टी के लिए उपयोगी होने के साथ-साथ साधन संपन्न भी हों।
इन बड़े नामों की चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से राज्यसभा उम्मीदवारों में प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे नाम प्रमुख हैं। चर्चा है कि गुजरात से सैम पित्रोदा को उतारा जा सकता है। साथ ही पूर्व सीएलपी लीडर शक्ति सिंह गोहिल का नाम भी चल रहा है। इसके अलावा गुजरात से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत का नाम भी चर्चा में है। महाराष्ट्र से रजनी पाटिल और मिलिंद देवड़ा के नाम चल रहे हैं। खबरों की मानें, तो अभिषेक मनु सिंघवी राजस्थान से वापस आ सकते हैं, जबकि झारखंड से किसी बड़े नाम को उतारे जाने की चर्चा है।
जल्द फाइनल हो सकते हैं नाम
खबरों की मानें, तो 11 मार्च को होने वाले नामांकन के लिए कांग्रेस पार्टी 9 मार्च तक नाम फाइनल कर लेगी। इस साल रिटायर्ड हो रहे कांग्रेस के चेहरों में प्रमोद तिवारी, रेणुका चौधरी, सत्यव्रत चतुर्वेदी, अभिषेक मनु सिंघवी, राजीव शुक्ल, के चिरंजीवी, प्रदीप कुमार बलामुचू, के रहमान खान, नरेंद्र बुधानिया, आनंद भास्कर रापोलू, रजनी पाटिल, शादीलाल बतरा व महेंद्र सिंह महरा हैं।
ऐसे बन रहा कांग्रेस की सीटों का गणित
जिन राज्यों से कांग्रेस की सीटें खाली हो रही हैं, उनमें आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान से दो-दो, झारखंड, उत्तराखंड, यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना व कर्नाटक से एक-एक सीटें हैं। कांग्रेस को जहां से अपने लिए सीटें आती दिख रही हैं, उनमें कर्नाटक व गुजरात से दो-दो सीटें और बिहार, वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व झारखंड से एक-एक सीट है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक से कांग्रेस अपने लिए तीसरी सीट की गुंजाइश भी देख रही है। दरअसल, इन 10 में से दो सीटें ऐसी हैं, जहां उसे दूसरे दलों की जरूरत होगी। इनमें कर्नाटक की तीसरी सीट व वेस्ट बंगाल से एक सीट निकालने की कोशिश हो रही है। खबरें हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस की जेडीएस के साथ और वेस्ट बंगाल में सीपीएम के साथ बातचीत चल रही है…Next
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