मिशन 2019 को लेकर कांग्रेस पार्टी कमर कसती नजर आ रही है। इसकी शुरुआत के संकेत देश की सियासत में अहम उत्तर प्रदेश से मिल रहे हैं। काग्रेस पार्टी के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। मगर माना जा रहा है कि यूपी की सियासी हवा को देखते हुए कांग्रेस अब यहां बदलाव कर सकती है। खबरें आ रही हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अब अपने परंपरागत ब्राह्मण वोट की ओर रुख करने की तैयारी में है। इसी के तहत अब सूबे में कांग्रेस की कमान किसी ब्राह्मण को दी जा सकती है।
सूबे के बदलते सियासी समीकरण में फिट नहीं बैठ रहे थे राज बब्बर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथों में आने के बाद से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर की विदाई तय मानी जा रही थी। सूबे के बदलते सियासी समीकरण में राज बब्बर फिट नहीं बैठ रहे थे, क्योंकि प्रदेश की राजनीति एक बार फिर जातीय समीकरणों की तरफ लौटती दिख रही है। ऐसे में राज बब्बर के पास से प्रदेश अध्यक्ष का पद जाना तय था। प्रदेश अध्यक्ष पद से अब जब राज बब्बर ने इस्तीफा दे दिया है, तो उन्हें राहुल गांधी की टीम में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से राज बब्बर का इस्तीफा जब तक मंजूर नहीं किया जाता, तब तक वे प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कामकाज जारी रखेंगे।
ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में कांग्रेस
ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रदेश में अपनी जड़ मजबूत करने के लिए कांग्रेस ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में है। पार्टी ने सूबे में कांग्रेस की कमान ब्राह्मण नेता के हाथों में सौंपे जाने का निर्णय ले लिया है। इस पद के लिए कांग्रेस के ललितेशपति त्रिपाठी, जितिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी और राजेश मिश्रा में से किसी एक के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। यूपी में करीब 12 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं। एक दौर था, जब ये कांग्रेस के परंपरागत वोट थे। ब्राह्मण अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस दोबारा इन्हें जोड़ने की कवायद कर रही है।
ललितेशपति त्रिपाठी: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में ललितेशपति त्रिपाठी का नाम चल रहा है। पूर्वांचल के मिर्जापुर से आने वाले ललितेश कांग्रेस के दिग्गज और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पड़पोते हैं। युवा ललितेशपति राहुल के करीबियों में गिने जाते हैं। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि पूर्वांचल के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर ललितेशपति त्रिपाठी के नाम पर भी मुहर लगा सकती है।
जितिन प्रसाद: जितिन प्रसाद राहुल गांधी के करीबी और युवा नेता हैं। वे यूपी के रुहेलखंड के शहजहांपुर से आते हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन मनमोहन सरकार में मंत्री भी रहे हैं। राहुल युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं, जिसे देखते हुए इस समीकरण में जितिन फिट बैठ रहे हैं।
प्रमोद तिवारी: प्रमोद तिवारी यूपी के प्रतापगढ़ से आते हैं। वे ऐसे नेता हैं, जो अभी तक एक भी चुनाव नहीं हारे। प्रमोद रामपुर खास विधानसभा सीट से लगातार नौ बार विधायक रहे और फिलहाल राज्यसभा सदस्य हैं। उनका राज्यसभा कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है। तिवारी के सपा-बसपा में भी अच्छे संबंध हैं। यूपी में सपा-बसपा के साथ आने के बाद यहां के सियासी समीकरण बदले हैं। ऐसे में तिवारी सूबे के बदलते सियासी समीकरण में सपा-बसपा के साथ से कांग्रेस को भी मजबूती से खड़ा कर सकते हैं।
राजेश मिश्रा: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के संभावित चेहरों में राजेश मिश्रा को भी देखा जा रहा है। राजेश मिश्रा वाराणसी से सांसद रहे हैं। वे छात्र राजनीति से आए हैं और बीएचयू के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं। राजेश दो बार एमएलसी भी रहे हैं। मौजूदा समय में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष हैं। राजेश यूपी और पूर्वांचल में कांग्रेस के दिग्गजों में गिने जाते हैं…Next
Read More:
2019 के लिए ऐसी होगी भाजपा की रणनीति, मुश्किल में पड़ सकती है सपा-बसपा की दोस्ती
अजय देवगन को कॉलेज के दिनों में कहते थे ‘गुंडा’, इतनी बार पकड़ चुकी है पुलिस!
दिनेश कार्तिक बैटिंग के लिए आने से पहले थे नाराज, रोहित शर्मा ने ऐसे मनाया
Read Comments