शारदा चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पूछताछ करने के लिए पहुंची सीबीआई से हुए टकराव के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर हैं। इस वजह ममता बनर्जी पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गई हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी विवाद से जुड़कर ममता ने सुर्खिया बटोरी हो, इससे पहले भी ममता के नाम विवादों की एक लम्बी लिस्ट रही है। आइए, एक नजर उन विवादों पर जिनकी वजह से चर्चा में रही ममता बनर्जी।
रेलमंत्री के तौर पर पहला बजट और जुड़ा विवाद
साल 1999 में उनकी पार्टी बीजेपी के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का हिस्सा बन गई। उन्हें रेल मंत्री बना दिया गया। 2002 में उन्होंने अपना पहला रेल बजट पेश किया और इसमें बंगाल को सबसे ज्यादा सुविधाएं दी, जिसको लेकर थोड़ा विवाद भी हुआ।
अपने पहले रेल बजट में ममता ने कहा कि रेल सुविधाओं से बांग्लादेश और नेपाल को भी जोड़ा जाएगा। लेकिन 2000 में पेट्रोलियम उत्पादों में बढ़ते मूल्य का विरोध करते हुए उन्होंने अपने सहायक अजित कुमार पांजा के साथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, बाद में उन्होंने बिना कोई कारण बताए इस्तीफा वापस भी ले लिया।
फ्री कल्चर को बताया यौन शोषण के लिए जिम्मेदार
रेप के बढ़ते मामलों का कारण बताते हुए ममता ने कहा था कि आदमी-औरत के बीच खुले तौर पर मेलजोल रखना इसका एक कारण है। पहले लड़का-लड़की एक-दूसरे का हाथ पकड़ते थे, तो उनके माता-पिता उन्हें पकड़ते या रोकते थे लेकिन अब सबकुछ खुले तौर पर चल रहा है। आज का वक्त है खुले बाजार की तरह है जिसमें खुलेतौर पर विकल्प हैं।
अपना कॉर्टून बनाने पर कॉर्टूनिस्ट को गिरफ्तार कराया
ममता के सेंस को ह्यूमर को न समझ पाने का खामियाजा जाधवपुर यूनिर्वसिटी के प्रोफेसर को भुगतना पड़ा। प्रोफेसर अम्बिकेश महापात्रा को ममता बनर्जी का कॉर्टून बनाने के जुल्म में गिरफ्तार कर लिया गया। ममता को अपना कॉर्टून बहुत आपत्तिजनक लगा।
ऑडियन्स के साथ स्टूडेंट को कहा ‘माओवादी’
कोलकाता में एक टीवी डिबेट शो के दौरान यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने ममता से रेप पर दिए उनके बयान और कार्टूनिस्ट को जेल भेजे जाने से जुड़ा सवाल पूछ दिया था। इस सवाल पर ममता इतना ज्यादा भड़क गई कि उन्होंने सवाल पूछने वाली छात्रा के साथ पूरी ऑडियन्स को ही माओवादी कह दिया।
असम एनआरसी मुद्दे पर गृहयुद्ध की चेतावनी
असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन मुद्दे पर ममता बनर्जी ने कहा था कि बंगाली ही नहीं अल्पसंख्यकों, हिंदुओं और बिहारियों को भी एनआरसी से बाहर रखा गया है। 40 लाख से ज्यादा लोगो जिन्होंने कल सत्ताधारी पार्टी के लिए वोट किया था आज उन्हें अपने ही देश में रिफ्यूजी बना दिया गया है। ममता ने कहा, ‘वे लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। यह जारी रहा तो देश में खून की नदियां बहेंगी, देश में सिविल वॉर शुरू हो जाएगा…Next
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