समाजवादी पार्टी में पारिवारिक जंग देखने के बाद अब सियासी जंग तेज होती हुई दिख रही है. कांग्रेस सपा के गठबंधन को लेकर दूसरे दलों में हलचल देखने को मिल रही है. वहीं कलह के बाद अखिलेश और मुलायम फिर से पार्टी में सक्रिय दिख रहे हैं.
पिता-पुत्र के बीच सुलह होने पर मुलायम सिंह ने 38 प्रत्याशियों की जो नई लिस्ट अखिलेश यादव को सौंपी है, उसमें भी अपर्णा यादव का नाम भी है. ऐसे में डिंपल यादव के बाद मुलायम की इस बहू से भी धमाकेदार नतीजे की उम्मीद की जा रही है. आइए, हम आपको बताते हैं मुलायम के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव के बारे में.
जर्नलिस्ट की बेटी हैंं अपर्णा
अपर्णा यादव का पूरा नाम अपर्णा सिंह बिष्ट है. उनके पिता टाइम्स ऑफ इंडिया, लखनऊ ब्यूरो में चीफ एडिटर हैं. अपर्णा ने अपनी स्कूलिंग लखनऊ में की है. इनके स्कूल में मुलायम के बेटे प्रतीक भी पढ़ा करते थे, जहां से दोनों में दोस्ती हो गई.
इग्लैंड से की है पढ़ाई
लखनऊ में स्कूलिंग के बाद अपर्णा अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इग्लैंड चली गईंं, जहां उन्होंने मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध के विषय में मास्टर डिग्री की. वहीं प्रतीक ने लीड्स यूनिवर्सिटी से एमएससी इन मैनेजमेंट की डिग्री पूरी की. दोनों अपनी पढ़ाई की वजह से काफी दिनों तक दूर रहे. इस अरसे के दौरान उनकी बातें सोशल मीडिया पर ही होती थी.
प्रतीक-अपर्णा की नजदीकियां
जिस दौरान इनकी दोस्ती हुई थी उस वक्त किसी को ये नहीं मालूम था कि प्रतीक मुलायम के बेटे हैं. मुलायम ने 2007 में अपनी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता और प्रतीक को सार्वजनिक रूप से अपनाया था. इससे पहले अपर्णा की नजर में प्रतीक एक साधारण लड़का था. स्कूल के बाद दोनों की दोस्ती गहरी हुई और दोनों एक-दूसरे को डेट करने लगे.
अपर्णा के पिता को नहीं था रिश्ता मंजूर
जब अपर्णा के पिता को पता चला कि प्रतीक मुलायम की दूसरी पत्नी के बेटे हैं, जिस रिश्ते को उन्होंने इतने सालों तक छुपाकर रखा तो उन्होंने इस रिश्ते को लेकर कड़ा एतराज जताया. उनके मुताबिक प्रतीक को मुलायम अखिलेश जैसा दर्जा कभी नहीं दे सकते, इसलिए उन्होंने प्रतीक को अपनी बेटी से अलग रहने की हिदायत दी, लेकिन बाद में मुलायम के मनाने पर उनके पिता राजी हो गए.
शादी के बाद राजनीति में आने की जताई थी इच्छा
मुलायम ने हमेशा से ही परिवारवाद को बढ़ावा दिया है. मुलायम की मर्जी थी कि उनकी दोनों बहूएं राजनीति के दंगल में उतरे. यही मर्जी अपर्णा की भी थी. अपर्णा काफी अरसे से राजनीति में आना चाहती हैं. अपने लिए किसी सेफ सीट की तलाश में जुटी अपर्णा डिम्पल जैसी आसान एंट्री चाहती थीं, पर उन्हें नहीं मिली. अपर्णा को पार्टी की तरफ से लखनऊ कैन्ट सीट दी गई है. इस सीट पर पिछले एक साल से अपर्णा मेहनत भी कर रहीं हैं.
डिंपल-अपर्णा में अक्सर रहता है मतभेद
अपर्णा इस बात से नाराज हैं कि उन्हें वो सीट दी गई जिसपर जीत की उम्मीद काफी कम है, क्योंकि कैन्ट सीट से रीता बहुगुणा जोशी विधायक हैं और समाजवादी पार्टी ने लखनऊ सीट कभी नहीं जीती. अपर्णा अपनी सास और मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की तरह शिवपाल के खेमे में हैं. साधना गुप्ता पर ये आरोप लगते रहें हैं कि वो मुलायम के फैसलों में दखल रखती हैं और मुलायम को अखिलेश के खिलाफ करने में भी उनका ही योगदान है. यही आरोप अपर्णा पर भी लगते रहे हैं.
आने वाले चुनाव में डिंपल से आगे निकलने की तैयारी में
ऐसा माना जाता है कि अपर्णा की अपनी जेठानी से बिल्कुल नहीं बनती. दोनों किसी पारिवारिक समारोह में एक साथ कम ही दिखाई देती हैं. ऐसा माना जा रहा है उम्मीदवारों की लिस्ट में अपर्णा का नाम होने से वो बेहद खुश हैंं और बड़ी बहू से आगे निकलने की पुर जोर कोशिश करेंगी…Next
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