नए साल के पहले महीने से ही सियासी गलियारों में हलचल तेज हो जाएगी, क्योंकि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया। इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण में 18 फरवरी को त्रिपुरा में वोटिंग होगी। दूसरे चरण में 27 फरवरी को मेघालय और नागालैंड में वोट पड़ेंगे। 3 मार्च को तीनों राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के लिए काउंटिंग होगी और नतीजों की घोषणा की जाएगी। आइये आपको बताते हैं कि इन तीनों राज्यों में क्या है सियासी समीकरण और कैसी होगी चुनावी प्रक्रिया।
इस्तेमाल
इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने कहा कि इन चुनावों में पूरी तरह से ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा और उम्मीदवार ईवीएम को चेक भी कर सकते हैं। तीनों राज्यों में आज से ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। सभी राजनीतिक कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि बॉर्डर चेकपोस्ट पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
तीनों राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें
यहां की स्थितियों की बात करें, तो इस बार इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में रोचक तस्वीर देखने को मिलेगी। तीनों राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट में भी अपनी पकड़ मजबूत बनानी शुरू कर दी थी। पहले असम और बाद में मणिपुर की सत्ता में आने के बाद बीजेपी की निगाह अब त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के विधानसभा चुनावों पर है।
त्रिपुरा में बीजेपी दे रही जबरदस्त टक्कर
पिछले दो दशक से माणिक सरकार के नेतृत्व में सीपीएम यहां की सत्ता पर काबिज है। 60 सीटों वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने पूरे दम-खम से उतर रही है। 2013 के विधानसभा चुनावों में यहां सीपीएम को 49 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 10 सीटें आई थीं। सीपीएम के उभार ने त्रिपुरा में कांग्रेस को हाशिए पर धकेल दिया है। मगर इस बार राजनीति थोड़ी बदली है। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि किसी राज्य में कम्युनिस्ट पार्टी और बीजेपी में सीधी टक्कर हो रही है।
नागालैंड में बीजेपी के समर्थन से सरकार
नागालैंड विधानसभा में भी 60 सीटें हैं। 2013 में नागालैंड पीपल्स फ्रंट यहां सबसे बड़ी पार्टी थी, जिसने 37 सीटों पर कब्जा किया था। इसने भाजपा और जेडीयू के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाई। कांग्रेस को नागालैंड में 8 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने नागालैंड के लिए गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू को चुनाव प्रभारी बनाया है। बीजेपी चाहेगी कि इस बार न केवल उसके समर्थन वाली सरकार बचे, बल्कि पार्टी की भी सीटें बढ़ें।
कांग्रेस के सामने सत्ता बचाने की चुनौती
2014 से लेकर अभी तक मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने कांग्रेस को देश की राजनीति में काफी समेट दिया है। फिलहाल केवल चार राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। इसमें एक मेघालय भी है। कांग्रेस की असल चिंता इस बार किसी भी तरह मेघालय में सरकार बचाने की है। हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस के इस गढ़ में भी सेंध लगा दी है। दिसंबर में कांग्रेस के एक सहित 4 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस महीने भी कांग्रेस के 5 सहित आठ विधायक मेघालय में एनडीए की सहयोगी नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल हुए हैं…Next
Read More:
टीम इंडिया को जूझता देख गावस्कर को आई धोनी की याद, कही ये बड़ी बात52 के सलमान निभाएंगे 18 साल के लड़के का किरदार, ऐसा होगा लुक!रक्षामंत्री ने सुखोई-30 में उड़ान भरकर रचा इतिहास, आसमान में रहीं इतनी देर
Read Comments