‘मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। मैं इस मामले पर पहले जवाब नहीं दे सका, क्योंकि मैं आधिकारिक दौरे पर विदेश में था। वह रविवार को ही नाइजीरिया से वापस लौटे थे।’विदेश राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर ने यौन शोषण के आरोप का बचाव करते हुए ये दलील दी।
‘मी टू’ कैम्पेन के तहत कई महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया।
आरोपों के चलते उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफा भेज। अकबर पर 20 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे। उन्होंने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया।
मंत्री बनने से पहले कई मीडिया हाउस के रह चुके हैं संपादक
मोबाशर जावेद अकबर पेशे से पत्रकार, लेखक और भारतीय राजनेता हैं। वर्तमान में वह मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं और मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। 5 जुलाई, 2016 को उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया था। 1971 में उन्होंने एक बड़े मीडिया हाउस के साथ ट्रेनी के तौर पर अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। वह एशियन एज और डेक्कन क्रॉनिकल के संपादक रह चुके हैं।
बिहार के किशनगंज से पहली बार सांसद चुने गए
1989 लोकसभा चुनाव से पहले एमजे अकबर ने जर्नलिज्म छोड़कर राजनीति में आने का फैसला लिया था। अकबर ने बिहार के किशनगंज से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, जो वह जीत भी गए थे। राजीव गांधी के प्रवक्ता थे, लेकिन उस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। हालांकि, एमजे अकबर की स्थिति पार्टी में मजबूत थी। राजीव गांधी से उनकी करीबी थी, इसलिए एमजे अकबर का रुतबा कायम रहा।
प्रधानमंत्री के रह चुके हैं प्रवक्ता
अकबर सबसे पहले वह 1989 से 1991 के बीच कांग्रेस पार्टी से सांसद बने थे। वह पूर्व प्रधानंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई। राजीव गांधी के बाद अकबर राजनीति में असहज महसूस करने लगे और 1992 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर वापस पत्रकारिता में लौटे। 2014 में वह भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया था। जुलाई 2015 में वह झारखंड से राज्यसभा सांसद थे। हालांकि 17 जून 2016 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जून में ही उन्हें दोबारा एमपी से राज्यसभा सांसद बनाया गया था…Next
Read More :
गुजरात में प्रवासी कर्मचारियों पर हमले को लेकर चौतरफा घिरे अल्पेश ठाकोर कौन हैं
वो 3 गोलियां जिसने पूरे देश को रूला दिया, बापू की मौत के बाद ऐसा था देश का हाल
Read Comments