रबि रे का जीवन परिचय
भारत के पूर्व लोकसभा स्पीकर और केन्द्रीय मंत्री रबि रे का जन्म 26 नवंबर, 1926 को पुरी, उड़िशा में हुआ था. कटक के रेवनशॉ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद रबि रे ने मधुसूदन लॉ कॉलेज, कटक से कानून की पढ़ाई संपन्न की. वर्ष 1948 में सोशलिस्ट पार्टी का सदस्य बनने के बाद रबि रे समयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और जनता दल के सदस्य भी रहे. भारत की स्वाधीनता के लिए चल रहे आंदोलनों में रबि रे ने भी सक्रिय भूमिका निभाई.
रबि रे का राजनैतिक सफर
वर्ष 1967 में चौथे लोकसभा चुनावों में उडीशा के पुरी निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज करने के साथ ही रबि रे के राजनैतिक जीवन की शुरूआत हुई. इस दौरान वह समयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के संसदीय समूह के अध्यक्ष बनाए गए. वर्ष 1974 में रबि रे उडीशा से राज्यसभा सदस्य भी बने. उनका यह कार्यकाल 1980 में समाप्त हुआ. मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए रबि रे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री बनाए गए. उनका यह कार्यकाल जनवरी 1979 से जनवरी 1980 तक रहा. 1989 में केन्द्रपारा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद वह नौवीं लोकसभा के सदस्य बनाए गए. इस बार वह जनता दल के टिकट से चुनाव जीते थे. 19 दिसंबर, 1989 में सर्वसम्मति के साथ उन्हें लोकसभा सदस्य निर्वाचित किया गया. इसी निर्वाचन क्षेत्र से दसवें लोकसभा चुनावों में भी उनकी जीत हुई. वर्ष 1997 में सरकारी पदों से सेनानिवृत्त होने के बाद वह लोक शक्ति अभियान नामक गैर सरकारी संगठन से जुड़े हुए हैं.
रबि रे गांधीवादी विचारधारा वाले नेता हैं. उन्हें महात्मा गांधी के आदर्शों पर लिखी गई पुस्तकें और सामाजिक भूमिका को पढ़ने में अत्याधिक रुचि रहती है. उन्होंने भारतीय साहित्य के विकास के प्रति भी अपना दायित्व पूरा किया. रबि रे ने भूतपूर्व सोशलिस्ट पार्टी के द्वारा प्रकाशित की जाने वाली समता नामक उड़िया भाषा की मासिक पत्रिका और हिन्दी भाषा की चौखंबा पत्रिका का संपादन भी किया है.
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