जब भी भारत के राष्ट्रपति के बारे में बात होती प्रतिभा पाटिल का जिक्र भी जरूर होता है। प्रतिभा पाटिल ऐसी पहली महिला हैं, जिन्हें राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। आज उनका जन्मदिन है, ऐसे में जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें।
वकालत से शुरू किया था कॅरियर
प्रतिमा का जन्म 19 दिसम्बर 1934 को महाराष्ट्र के नाडगांव जिले में हुआ था। उन्होंने जलगांव के मूलजी जेठा कालेज से एमए और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढ़ाई पूरी की। प्रतिभा पाटिल को आजादी के 60 साल बाद भारत की पहली राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। वे भारत की 12वीं राष्ट्रपति बनी। प्रतिभा पाटिल ने जलगांव जिला न्यायालय से एक वकील के तौर पर अपना कॅरियर शुरू किया था। जिसके बाद सिर्फ 27 साल की उम्र में इन्होनें अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।
संभाल चुकी हैं ये अहम जिम्मेदारियां
साल 1962 में सबसे पहले विधायक पद के लिए अपनी दावेदारी जीतकर साल 1985 में प्रतिभा पाटिल ने महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्यता के साथ शहरी विकास, आवास, पर्यटन, जन स्वास्थ और समाज कल्याण जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी को बखूबी सम्भाला। अपनी तमाम कामयाबियों के बाद साल 2004 में में राजस्थान का राज्यपाल चुना गया। प्रतिभा पाटिल राजस्थान में पूरे पांच साल तक राज्यपाल रहने वाली पहली महिला भी थीं।
150 गिफ्ट लेकर राष्ट्रपति भवन से गई थी प्रतिभा पाटिल
एक आरटीआई दाखिल की थी जिसके जवाब में पता चला था कि पाटिल राष्ट्र पति पद से रिटायर होने के बाद अपने साथ 150 गिफ्ट ले गई थीं। इनमें से ज्यादातर गिफ्ट वो थे जो उन्हें विदेश यात्राओं के दौरान या विदेशी राष्ट्र्पतियों, प्रधानमंत्री के आने पर तोहफे स्वफरूप मिले थे। आमतौर पर इस तरह के तोहफों को राष्ट्र पति, अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद रष्ट्र पति भवन में ही छोड़ देते हैं। पाटिल ये सभी गिफ्ट अपने होमटाउन अमरावती ले गई थीं। जिसे उन्हों ने वहां पाटिल परिवार की ओर से चलाए जा रहे म्यूजियम विद्या भारती शैक्षणिक मंडल में डिसप्ले के लिए लगाया।
ये बात जब उनके बाद राष्ट्ररपति बने प्रणब मुखर्जी को पता चली तो उन्हों ने सभी गिफ्ट वापस मंगाने के लिए कदम उठाए। 14 अगस्त 2012 को विद्या भारतीय शैक्षणिक मंडल को पत्र लिखकर कहा गया कि 15 जून 2013 तक सभी तोहफों को वापस कर दिया जाए…Next
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