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अपने पद से ज्यादा इन तीन विवादों की वजह से सुर्खियों में रहे थे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी

राजनीति के गलियारों में किसी नेता या मंत्री के साथ विवाद जुड़ना एक आम बात है लेकिन ये विवाद हमेशा के लिए किसी मंत्री या नेता के राजनीतिक कॅरियर में जुड़ जाते हैं। ऐसे में जब भी उनका जिक्र होता है, उनसे जुड़े विवादों के बारे में भी बात होती है। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के साथ भी ऐसे ही तीन विवाद जुड़े हैं जिसकी वजह से वो सुर्खियों में रहे। आइए, एक नजर उन विवादों पर।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal1 Apr, 2019

 

 

पद्मश्री पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
अंसारी का जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 1 अप्रैल 1937 को हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा सेंट एडवर्डस हाई-स्कूल शिमला, सेंट जेवियर्स महाविद्यालय कोलकाता और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा के एक नौकरशाह के रूप में 1961 में की थी जब उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। वे आस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त भी रहे। बाद में उन्होंने अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, तथा ईरान में भारत के राजदूत के तौर पर भी काम किय। 1984 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

 

2007 में जीता उपराष्ट्रपति चुनाव
2007 के उपराष्ट्रपति चुनाव में मोहम्मद हामिद अंसारी को जीत हासिल हुई। 2012 में उनके कार्यकाल को पाँच साल के बढ़ा दिया गया। 2017 के अगस्त माह की 10 तारीख को उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है तथा यह दायित्व के लिए उनकी जगह एम. वेंकैया नायडू संभालेंगे।

 

 

लोकपाल बिल पर बहस को बीच में ही किया स्थगित
30 दिसंबर 2011 में संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। आधी रात होने को थी। ऐसे में सदन में लोकपाल को लेकर बहस चल रही थी। सत्ता में बैठी कांग्रेस राज्यसभा में बुरी तरह से घिरी हुई थी। आधी रात के करीब हामिद अंसारी सदन में आए। उन्होंने चलती बहस को रोककर अचानक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि उपराष्ट्रपति सदन में सत्ता पक्ष को बचाने के लिए आए थे।

 

योग दिवस पर नहीं की शिरकत
21 जून 2015 में भारत के अलावा दुनिया के 190 देश पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी। राजपथ पर हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरा मंत्रिमंडल मौजूद था। लेकिन हामिद अंसारी कार्यक्रम से नदारद थे। ऐसे में उन पर कई सवाल उठने लगे थे।
अपने चौतरफा आलोचना होते देखकर हामिद अंसारी ने सफाई दी कि उन्हें निमंत्रण नहीं भेजा गया था जबकि इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के समारोह में कई विपक्षी नेताओं ने भी बिना निमंत्रण शिरकत की थी।

 

 

जब तिरंगा विवाद में उलझे हामिद
गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। जब तिरंगा लहराया जा रहा था तो उसके नीचे खड़े थे प्रणब मुखर्जी और इनके साथ हामिद और ओबामा खड़े थे। जब तिरंगा लहराया जा रहा रहा था, उस वक़्त ओबामा और अंसारी को छोड़कर सभी तिरंगे को सलामी दे रहे थे। ऐसे में सोशल मीडिया पर कहा गया कि हामिद ने तिरंगे की बेअदबी की है लेकिन इसी बीच उपराष्ट्रपति कार्यालय के गुरदीप सिंह सप्पल ने ट्विटर के जरिए सफाई पेश की। इसमें कहा गया कि समारोह के मुख्य पदाधिकारी राष्ट्रपति थे। इसलिए प्रोटोकॉल के मुताबिक तिरंगे को सलामी राष्ट्रपति ही दे सकते हैं।…Next

 

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