मोहम्मद हिदायतुल्लाह का जीवन-परिचय
17 दिसंबर, 1905 को जन्में भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हिदायतुल्लाह का जन्म ब्रिटिश आधीन लखनऊ के प्रसिद्ध खान बहादुर हाफिज मोहम्मद विलायतुल्लाह के परिवार में हुआ था. इनके पिता उर्दू भाषा के एक प्रख्यात कवि थे. उन्होंने 1922 में रायपुर के गवर्नमेंट हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद नागपुर के मोरिस कॉलेज में दाखिला लिया जहां 1926 में उन्हें फिलिप छात्रवृत्ति के लिए नामित किया गया. वर्ष 1927 में कानून की पढ़ाई संपन्न करने के लिए हिदायतुल्लाह कैंम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज गए. अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.
मोहम्मद हिदायतुल्लाह का न्यायिक कॅरियर
ट्रिनिटी से पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने के बाद मोहम्मद हिदायतुल्लाह मध्य प्रांत के उच्च न्यायालय और बरार, नागपुर के एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए. बरार और मध्य प्रांत का विलय होने के बाद जब मध्य प्रदेश का निर्माण किया गया तब मोहम्मद हिदायतुल्लाह उच्च न्यायालय के एडवोकेट जनरल बनाए गए. उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बन जाने तक वह इस पद पर रहे. 1946 में मोहम्मद हिदायतुल्लाह नागपुर उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त हुए. बाद में वह नागपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए. नवंबर 1956 में वह मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी बने. 1958 में मोहम्मद हिदायतुल्लाह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए गए. दस वर्ष तक इस पद पर रहने के बाद हिदायतुल्लाह सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए.
अध्यापक के रूप में मोहम्मद हिदयातुलाह का कॅरियर
कई बड़े और प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा ग्रहण करने के बाद मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने अपने अकादमिक कॅरियर की शुरूआत की. 1943 तक हिदायतुल्लाह ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ में अध्यापक के पद पर कार्य किया. इसके बाद वह 1943 से 1950 तक नागपुर विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी में वह डीन भी रहे. पचास के दशक में वह कई बड़े शिक्षण संस्थानों जिनमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रमुख है, के भी डीन रहे थे.
उपराष्ट्रपति के पद पर
जब हिदायतुल्लाह सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, उसी समय तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन का निधन हो गया था. जिसके बाद तत्कालीन उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरी को कार्यवाहक राष्ट्रपति और हिदायतुल्लाह को उपराष्ट्रपति बनाया गया. यह संकट मात्र एक महीने का था. 1979 के आगामी चुनावों में हिदायतुल्लाह को सर्वसम्मति से उपराष्ट्रपति नियुक्त किया गया. उन्होंने अपना यह कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया.
मोहम्मद हिदायतुल्लाह को दिए गए सम्मान
मोहम्मद हिदायतुल्लाह द्वारा लिखी गई पुस्तकें
उर्दू भाषा और साहित्य से बहुत अधिक प्रेम करने वाले हिदायतुल्लाह उस समय के सबसे कम उम्र में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने न्यायाधीश थे. हिदायतुल्लाह के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से वर्ष 2003 में उनके गृहनगर रायपुर में हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई. इसके अलावा जस्टिस हिदायतुल्लाह इंडियन लॉ इंस्टिट्यूट और अंतरराष्ट्रीय लॉ एसोसिएशन की भारतीय शाखा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. रिटायरमेंट के बाद 1982-1992 तक हिदायतुल्लाह ऑल इंडिया बॉय स्काउट्स एसोसिएशन के मुख्य स्काउट भी रहे थे.
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