लंबे समय से सुर्खियों में बने गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम कल यानी सोमवार को आ जाएंगे। चुनाव परिणाम आने के बाद महीनों से लगाई जा रही अटकलों पर भी विराम लग जाएगा कि कहां-किस पार्टी की सरकार बनेगी। दोनों प्रदेशों के विधानसभा चुनाव ने लंबे समय से सियासी गलियारे के पारा बढ़ाया हुआ है। खासकर गुजरात चुनाव परिणाम पर प्रदेश ही नहीं, देश भर के लोग निगाह जमाए हुए हैं। यहां जीत दर्ज कर भाजपा सूबे में अपना रसूख बनाए रखना चाहती है, तो कांग्रेस चुनाव जीतकर राहुल गांधी की ताजपोशी का जश्न मनाना चाहती है। खैर, चुनाव परिणाम क्या होंगे, यह तो 18 दिसंबर को पता चल ही जाएगा। आइये आपको बताते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम में क्या थे आंकड़े।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2012
गुजरात में 2012 का विधानसभा चुनाव भी दिसंबर महीने में और दो चरणों में ही हुआ था। 182 सीटों के लिए पहले चरण का मतदान 13 दिसंबर और दूसरे चरण का मतदान 17 दिसंबर को हुआ था। 1980 के बाद गुजरात विधानसभा का यह पहला चुनाव था, जब इतना अधिक मतदान हुआ था। इस चुनाव में 71.32 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वहीं, 20 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित हुआ था। इस चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टियों की बात करें, तो भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस को मात्र 61 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2012
हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव पिछली बार भी नवंबर में हुआ था। यहां की कुल 68 सीटों के लिए 4 नवंबर को मतदान हुआ था। चुनाव परिणाम 20 दिसंबर को घोषित हुआ था। 68 सीटों में से 36 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को 26 सीटें मिली थीं। कांग्रेस के वीरभद्र सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। यहां सत्ता परिवर्तन हुआ था, क्योंकि 2007 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनी थी।
चुनाव प्रचार में दोनों पार्टियों ने झोंकी है ताकत
इस बार के विधानसभा चुनाव और 2012 के विधानसभा चुनाव में कई समानताएं हैं। 2012 में भी हिमाचल प्रदेश का चुनाव नवंबर में और गुजरात का चुनाव दिसंबर में हुआ था। इस बार भी ऐसा ही है। वहीं, 2012 में भी दोनों प्रदेशों के चुनाव परिणाम साथ में आए थे और इस बार भी ऐसा ही होगा। इस बार गुजरात व हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियों ने पूरी ताकत झोंकी है। दोनों पार्टियों के दिग्गज चुनावी प्रचार के मैदान में रहे। अब 18 दिसंबर को यह साफ हो जाएगा कि किस पार्टी की मेहनत रंग लाई…Next
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