गुजरात चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोकी। प्रदेश में मैराथन रैलियां चलीं। दोनों बड़ी पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत के लिए प्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। इस दौरान भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गजों ने चुनाव प्रचार किया। वहीं, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी समेत पार्टी के बड़े नेताओं ने गुजरात में पूरी ताकत लगाई। 14 दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा। इसके बाद निगाहें 18 दिसंबर को आने वाले चुनाव परिणाम पर रहेंगी। मगर 1975 से अभी तक का रिकॉर्ड देखें, तो गुजरात की एक ऐसी सीट है, जिस पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी की प्रदेश में सरकार बनती है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो उस पार्टी ने सरकार बनाने में भूमिका जरूर निभाई है। आइये आपको बताते हैं उस खास सीट और वहां से जीतने वाले प्रत्याशियों के बारे में।
वलसाड सीट का है अपना महत्व
गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में वलसाड सीट का अपना महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस सीट पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी ने या तो गुजरात में सरकार बनाई या फिर सरकार बनाने में भूमिका निभाई। ऐसा 1975 से होना शुरू हुआ। 1975 के चुनाव में इंडियन नेशनल कांग्रेस के केशव रतनजी पटेल ने वलसाड सीट से जीत दर्ज की। इस साल कांग्रेस ने भारतीय जनसंघ के साथ मिलकर गुजरात में सरकार बनाई। इसके बाद 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस के दौलतभाई नाथूभाई देसाई ने यहां से चुनाव जीता और कांग्रेस की गुजरात में सरकार बनी। यही सिलसिला 1985 के चुनाव में भी चला, जब कांग्रेस के बरजोरजी कावसजी परदीवाला ने वलसाड सीट से चुनाव जीता।
1990 में इस सीट ने बदली पार्टी
1990 के चुनाव में यह सीट दूसरी पार्टी के पास चली गई। इस बार हुए चुनाव में दौलतभाई देसाई ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद भाजपा ने चीमनभाई पटेल को समर्थन दिया और प्रदेश में जनता दल की सरकार बनी। 1995 के चुनाव में दौलतभाई ने फिर इस सीट से चुनाव जीता और भाजपा ने केशुभाई पटेल के नेतृत्व में सरकार बनाई। 1998 में दौलतभाई ने लगातार तीसरी बार यहां से चुनाव जीता और फिर से भाजपा केशुभाई की अगुवाई में सत्ता में आई।
जीत का सिलसिला चलता रहा
2002 में दौलतभाई देसाई ने फिर से इस सीट पर अपना परचम लहराया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। ऐसा ही 2007 के चुनाव में हुआ। दौतलभाई ने लगातार पांचवीं बार इस सीट से जीत दर्ज की और भाजपा सत्ता में बनी रही। 2012 के चुनाव में भाजपा ने भरतभाई पटेल को इस सीट से उतारा और उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की। इस चुनाव में भी भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई, जो अभी तक सत्ता में है…Next
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