भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में एक बार फिर बहुमत हासिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की गृह राज्य में बीजेपी अपनी सत्ता विरोधी लहर के बीच भी सरकार बचाने में कामयाब रही, चुनाव से पहले कहा जा रहा था कि जीएसटी, नोटबंदी, आरक्षण को लेकर गुजरात में लोग सरकार से काफी नाराज हैं। नतीजों में नाराजगी तो दिखी पर इतनी नहीं कि सरकार ना बन सके। बीजेपी ने राज्य में लगातार छठी बार अपनी सरकार बनाई है। पार्टी राज्य में पिछले 22 सालों से सत्ता में तो है, लेकिन इस दौरान उसका ग्राफ भी हिचकोले खाता रहा है।
121 से शुरू हुआ सिलसिला अब 100 तक भी नहीं
भारतीय जनता पार्टी लगातार अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही है। लेकिन हर बार उसे सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, इस बार भारतीय जनता पार्टी ने भले ही अपनी सीटें गवाईं हों, बल्कि, बीजेपी का इस बार वोट प्रतिशत बढ़ा है। पिछले 22 साल में बीजेपी की सबसे छोटी जीत है। 121 से शुरू हुआ जीत का सिलसिला अब 99 सीटों की जीत पर पहुंच गया है।
जानें क्या रहा है शहरों का हाल
अगर चार शहरों अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट ने बीजेपी का साथ नहीं दिया होता तो इस नतीजे शायद कुछ और हो सकते थे। दरअसल, इन शहरों की कुल 55 सीटों में से 46 बीजेपी की झोली में गई है जबकि शेष 127 सीटों में से बीजेपी को मात्र 53 सीटें मिली हैं। इन 127 में कांग्रेस के खाते में 71 और अन्य को 03 सीटें मिली हैं। लिहाजा, कहा जा सकता है कि बीजेपी को इन चार शहरों ने ही जिताया है।
कांग्रेस के कुल वोट शेयर में बढ़ोतरी
कांग्रेस को भले ही गुजरात विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन उसके वोट शेयर में बीजेपी की तुलना में ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। पार्टी के अपने वोट शेयर में भी पिछले बार के चुनाव की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। चुनाव आयोग के अनुसार इस बार कांग्रेस को चुनाव में 41.8 फीसदी वोट शेयर मिले हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव (2012) में 38.93 फीसदी था। यानी पिछले बार की तुलना में इस बार कांग्रेस के कुल वोट शेयर में 7.37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।…Next
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