नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री होने के साथ मोदी एक ऐसे नेता है, जिनके बारे में विदेशों में भी बातें होती हैं। आज मोदी का जन्मदिन है, आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें-
कहां से की पढ़ाई
नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वड़नगर में दामोदार दास मूलचंद मोदी और हीराबेन के यहां हुआ। नरेंद्र मोदी वड़नगर के भगवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में पढ़ते थे। नरेन्द्र मोदी स्कूल में औसत छात्र थे।
मोदी का संयुक्त परिवार
नरेन्द्र मोदी 5 भाई-बहनों में से दूसरे नंबर की संतान हैं। नरेन्द्र मोदी को बचपन में नरिया कहकर बुलाया जाता था। नरेन्द्र मोदी के पिता की रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी।
भारत-पाक युद्ध में सौनिकों को खिलाया खाना
1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने स्टेशन से गुजर रहे सैनिकों को चाय पिलाई। यही नहीं, वहांं लगे शिविर में मोदी जाकर उनके लिए खाने का भी इंतजाम करते थे।
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शादी के दो साल बाद छोड़ा घर
छोटी उम्र में उनकी शादी जशोदा बेन चिमनलाल से हुई थी, लेकिन इसके बाद पारिवारिक परेशानी के चलते उन्होंने सन 1967 में घर छोड़कर सन्यास लेने का फैसला कर लिया था।
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लिखने और एक्टिंग का शौक रखते हैं मोदी
मोदी जब अपने स्कूल के दौर में थे, उस वक्त वह अपने स्कूल में कई सारे नाटकों में भाग लिया करते थे। उन्हें नाटक औऱ रंगमंच से बेहद लगाव थे। यही नहीं गुजराती होने के बावजूद वह हिंदी में कविताएं और कहानियां लिखते थे।
साधु बनना चाहते थे मोदी
नरेन्द्र मोदी बचपन में साधु-संतों से प्रभावित हुए। वे बचपन से ही संन्यासी बनना चाहते थे। संन्यासी बनने के लिए मोदी स्कूल की पढ़ाई के बाद घर से भाग गए थे। इस दौरान मोदी पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमते रहे।
घर पर लाए थे घड़ियाल
मोदी बचपन से ही बेखौफ थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बार उन्होंने घर के पास वाले तालाब से घड़ियाल पकड़ लिया और उसे घर लाए। हालांकि, बाद में मां के कहने पर वापस उसे छोड़कर आए।
भाई के साथ मिलकर बेची चाय
मोदी को बचपन से संंन्यासी बनने की इच्छा थी, इसलिये किसी को बिना बताये 2 साल तक वे साधु बनकर हिमालय में रहे थे। वापस आने के बाद मोदी भाई के साथ वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे।
11. संघ में रहते हुए किए कई छोटे मोटे काम
नरेन्द्र मोदी अहमदाबाद संघ मुख्यालय में वहां के सारे छोटे काम करते जैसे साफ-सफाई, चाय बनाना, और बुर्जुग नेताओं के कपड़े धोना शामिल है.
इमरजेंसी के दौरान बने थे सरदार
भारत के राजनीतिक इतिहास का काला दिन कहे जाने वाले इमरजेंसी के दौरान सरदार का रूप धरकर ढाई सालों तक पुलिस को छकाते रहे।
फैशन नहीं मजबूरी में कटवाई थी कुर्ते की बांह
नरेन्द्र मोदी संघ में कुर्ते की बांह छोटी करवा लीं, ताकि वह ज्यादा खराब न हो, जो वर्तमान में मोदी ब्रांड का कुर्ता बन गया है और देशभर में मशहूर है।
संत स्वामी विवेकानंद से प्रभावित हैं मोदी
मोदी महान विचारक और युवा दार्शनिक संत स्वामी विवेकानंद से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। उन्होंने गुजरात में ‘विवेकानंद युवा विकास यात्रा’ निकाली थी।
फोटोग्राफी का रखते हैं शौक
मोदी पतंगबाजी के शौकीन हैं, इतना ही नहीं उन्हें फोटोग्राफी का भी बेहद शौक है। बचपन में भी उन्होंने फोटोग्राफी में ही दिलचस्पी दिखाई थी।
मां का लेते हैं आर्शीवाद
नरेन्द्र मोदी कोई भी नया काम शुरू करने से पहले अपनी मां का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। चुनाव में मिली जीत के बाद जब वह गुजरात गए, तो अपनी मां से जाकर आशीर्वाद लिया।
2 महीने में उनकी 40 से ज्यादा किताबें आई
उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वो प्रधानमंत्री बने उसके 2 महीने में उनकी 40 से ज्यादा जीवनियां आईं क्योंकि लोग उनके बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं.…Next
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